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महालेखाकार एक संवैधानिक संस्था भाजपा करना चाह रही है राजनीति के लिए दुरुपयोग

भाजपा ने पूर्व में भी महालेखाकार का आड़ लेकर 1 लाख 76 हजार करोड़ के कोयला घोटाला का आरोप लगाया जो अब तक साबित नहीं हुआ
       रायपुर।  भाजपा विधायकों के महालेखाकार को ज्ञापन सौंपने पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा का राजनीतिक चरित्र ही है संवैधानिक संस्थाओं के आड़ में अपनी राजनीतिक पिपासा की पूर्ति करना है। भाजपा ने पूर्व में भी महालेखाकार जैसे संवैधानिक संस्था का आड़ लेकर 1,76,000 करोड़ के कोयला घोटाले का आरोप लगाया जो अब तक साबित नहीं हो पाया है। जबकि पूर्व के रमन सरकार में महालेखाकार ने अनेक आर्थिक गड़बड़ियां पकड़ी है। अनेक घोटालों को उजागर किया है, एक ही कंप्यूटर में फर्जी तरीके से जमा की गई एवं निकाली गई हजारों करोड़ की टेंडर की प्रक्रिया भी पकड़ी गई थी। रमन सरकार में हुई लाखो करोड़ की घोटाला जिसे भाजपा आज तक नकार रही है।
 
       कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विधानसभा के नजदीक महालेखाकार कार्यालय होने के चलते भाजपा विधायक दल के द्वारा ज्ञापन सौपने की राजनीतिक स्टंट किया गया। भाजपा को बताना चाहिए इसके पहले क्या भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने महालेखाकार को कभी ज्ञापन सौपे थे? महालेखाकार का काम ही सरकारी विभागों और योजनाओं का आडिट कर विधानसभा में रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। लेकिन जिस प्रकार से भाजपा के नेता मीडिया में बने रहने मात्र के लिये महालेखाकार को ज्ञापन सौप रहे है। इससे स्पष्ट हो गया कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक एवं उनके विधायको के द्वारा लगाये गये आरोप बेबुनियाद तथ्यहीन एवं राजनीतिक प्रोपोगंडा मात्र है। भाजपा विधायक दल के पास गोबर खरीदी में गड़बड़ी का कोई प्रमाण होता तो वो उसे सदन में रखते, ईओडब्ल्यू में शिकायत करते, न्यायालय में जाते।
 
       धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के 2 वर्षों के कार्यकाल के बाद भाजपा सड़क और सदन दोनों जगह मुद्दाविहीन हो चुकी है। मुद्दों के दीवालियापन के दौर से गुजर रही है नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और उनके टीम के विधायक पूरी तरह से छत्तीसगढ़ के हित को बाधित करने में लगे हुए हैं वही हाल भाजपा के 9 सांसदों का है जो केंद्रीय शक्तियों का दुरुपयोग कर छत्तीसगढ़ को मिलने वाले केंद्रीय सहायता पर अवरोध लगाते हैं केंद्रीय योजनाओं को रोकवाते हैं किसानों के धान खरीदी का मामला हो  किसानों के धान खरीदने बारदाना आपूर्ति का मसला हो एफसीआई में 60 लाख मिट्रिक टन चावल जमा कराने की अनुमति हो ,किसानों को धान की कीमत ₹2500 प्रति क्विंटल एक मुश्त देने पर रोक के पीछे भी भाजपा सांसदों का ही षड्यंत्र है ।किसान सम्मान निधि में छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों के नाम कटवाने से लेकर प्रधानमंत्री मजदूर कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ को बाहर रखने के पीछे भी भाजपा की राजनीतिक पिपासा नजर आती है छत्तीसगढ़ के हिस्से के जीएसटी एवं जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि को देने में रोक में भी भाजपा नेताओं का ही षड्यंत्र नजर आता हैं लगातार भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ के विकास को बाधित करने में लगे हुए हैं 
 
      उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के छत्तीसगढ़ विरोधी चरित्र को छत्तीसगढ़ की जनता सदन में देख रही है, किस प्रकार से सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए और बेबुनियाद आधारहीन आरोप लगाकर सदन के बहुमूल्य समय को नष्ट करने का काम कर रही है। सवाल लगाकर सदन से हंगामा कर सदन छोड़कर भागते भाजपा विधायकों के चेहरे को छत्तीसगढ़ की जनता देख रही है नेता प्रतिपक्ष से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह झूठे आरोप, मनगढ़ंत आरोप लगाकर राजनीति कर रहे हैं। सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं और एक प्रकार से छत्तीसगढ़ में चल रहे राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना सहित अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का विरोध इनके द्वारा किया जा रहा है। सदन में झूठे आरोप लगाने वाले भाजपा का पर्दाफाश हो गया। भाजपा के राजनीतिक प्रोपोगंडा झूठ फरेब का भेद खुल गया। अब भेद खुलने से घबराए भाजपा नेता अपने झूठे आरोपों के राजनीति को आगे बढ़ाने लिए महालेखाकार जैसे संवैधानिक संस्थाओं के नाम का दुरुपयोग करना चाह रही हैं।

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