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कर्मचारी पेंशन योजना 1995: कर्मचारी,नियोक्ता अंशदान 8.33% से बढ़ाकर करें 10%

  • नियोक्ता का पूरा अंशदान ईपीएफ में ही रखा जाए।
  • कर्मचारियों की इच्छा पर पूरी राशि ईपीएस में स्थानांतरित कर दी जाए।
  • उन्हें 40% राशि निकालने की अनुमति दी जाए।
  • शेष 60% राशि ईपीएस में रखी जाए।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995: ईपीएस 95 की सेहत को कैसे ठीक की जाए, इसको लेकर कई सुझाव सामने आए हैं। पेंशन आंदोलन से जुड़े रामकृष्ण पिल्लई ने ईपीएस को मजबूत करने के लिए सुझाव दिए हैं। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन और हायर पेंशन का मामला इतना तूल पकड़े हुए है कि हर किसी की नजर इस पर टिकी हुई है। आइए, पढ़ते हैं, क्या-क्या सुझाव दिए गए हैं?

ईपीएफओ और ईपीएस 95 पेंशनभोगी ध्यान दें इन सुझावों पर

1. मुद्रास्फीति और वेतन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पेंशन योग्य वेतन सीमा बढ़ाएं।

2. कर्मचारी,नियोक्ता अंशदान को 8.33% से बढ़ाकर 10% करें या संपूर्ण नियोक्ता अंशदान ईपीएस में जाना चाहिए।

3. नियोक्ता का पूरा अंशदान ईपीएफ में ही रखा जाए तथा सेवानिवृत्ति के बाद, कर्मचारियों की इच्छा पर पूरी राशि ईपीएस में स्थानांतरित कर दी जाए। अथवा उन्हें 40% राशि निकालने की अनुमति दी जाए तथा शेष 60% राशि ईपीएस में रखी जाए।

पेंशन ऐसी राशि पर आधारित होनी चाहिए। पेंशन के न्यायसंगत वितरण के लिए, संपूर्ण पेंशन योग्य सेवा अवधि के लिए औसत वेतन को अपनाया जाए, क्योंकि यही वास्तविक वेतन है जिसके आधार पर कर्मचारी/नियोक्ता द्वारा अंशदान का भुगतान किया जाता है।

4. पेंशन योग्य वेतन के 1.16% से सरकारी अंशदान को बढ़ाकर कम से कम 2.00% किया जाए।

5. सरकार ईपीएस राशि के अधिशेष होने तक न्यूनतम पेंशन पर सब्सिडी देना जारी रख सकती है।

6. न्यूनतम पेंशन न्यूनतम मजदूरी या पेंशन योग्य वेतन जो भी अधिक हो तथा न्यूनतम पेंशन योग्य सेवा अवधि दस वर्ष पर आधारित होनी चाहिए।

7. पाठ्यक्रम सुधार के लिए समय-समय पर ईपीएस वित्तीय ताकत की समीक्षा करें।

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