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वैक्सीन प्रभावी है डिप्टी कलेक्टर दिव्या वैष्णव के घर सभी संक्रमित हुए, उनका पूरा ध्यान रखा, फिर भी रहीं निगेटिव, कारण वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिये थे

वैक्सीनेशन है बेहद प्रभावी, दोनों डोज लगाने के दो हफ्तों बाद प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाती है जिससे कोरोना का खतरा हो जाता है न्यूनतम

       दुर्ग। जिले में डिप्टी कलेक्टर रहीं और अब गृह मंत्री की ओएसडी सुश्री दिव्या वैष्णव के घर में सभी पाजिटिव आ गए थे। इसके चलते उनकी सीधी तौर पर देखरेख की जिम्मेदारी सुश्री वैष्णव की ही थी। दूसरी वेव के वायरस में यह देखा गया है कि आइसोलेशन में थोड़ी सी चूक हो जाने के चलते भी पूरा परिवार संक्रमित हो गया है लेकिन यहाँ सुश्री दिव्या ने परिवार का पूरा ध्यान रखा। इससे उन्हें भी संक्रमण का स्वाभाविक खतरा था लेकिन कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज ने उन्हें पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता प्रदान की जिससे वे संक्रमित नहीं हुईं। उन्होंने बताया कि पहली वैक्सीन 8 फरवरी को दुर्ग में लगी , इसके एक महीने बाद दूसरी वैक्सीन 8 मार्च को दुर्ग में लगी। 14 अप्रैल को घर में उनके अलावा सभी सदस्यों के भीतर कोरोना के लक्षण उभरने लगे, जाँच कराने पर सभी पाजिटिव आए। सुश्री वैष्णव इससे पहले दुर्ग में होम आइसोलेशन कंट्रोल सेंटर का कार्य देखती थीं। उन्होंने बताया कि दुर्ग में किया गया कार्य काफी उपयोगी रहा और चिकित्सक के परामर्श पर उन्होंने घर के लोगों का ध्यान रखना शुरू किया। चूँकि सभी लोग संक्रमित थे अतएव प्रत्यक्ष रूप से उनका ध्यान रखना पड़ा। इसके बावजूद उन्हें किसी तरह का संक्रमण नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि मुझे दूसरा टीका लगाए हुए एक महीने से ज्यादा समय हो चुका था। विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरा टीका लगाने के दो हफ्तों बाद कोविड के विरुद्ध पर्याप्त प्रतिरोधक क्षमता आ जाती है तो मैं आश्वस्त थी कि यदि संक्रमण हुआ तो भी गंभीर संक्रमण नहीं होगा, ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा कि टीका लगने के बावजूद भी मैं सावधानी नहीं छोड़ती। हमेशा मास्क लगाये रहती हूँ। समय-समय पर हाथ धोते रहना और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करती हूँ। उन्होंने बताया कि कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर के प्रति हम सजग रहेंगे तो कोरोना से अपने परिवार को दूर रख सकेंगे। इसके लिए जरूरी नियमों का पालन करें, इसके बावजूद यदि कोविड के लक्षण नजर आते हों तो सावधानी बरतते हुए तुरंत टेस्ट कराएं और चिकित्सक के निर्देशों का पालन करते हुए ट्रीटमेंट आरंभ कर दें। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन बेहद प्रभावी है और लंबे समय के लिए कोविड से बचने के लिए यह सबसे कारगर उपाय है।

 

28 दिन चंदूलाल चंद्राकर कोविड हास्पिटल में रहकर कोविड से जीती जंग, कहा डॉक्टर्स और हेल्थ स्टाफ की सेवा कभी नहीं भूल पाऊंगा

जवाहर नगर में रहते हैं सरदार वरयान सिंह जी, आक्सीजन लेवल उतर गया था 60 तक, लगातार आक्सीजन सपोर्ट और मेडिकल केयर से सुधरती गई स्थिति और अब पूरी तरह स्वस्थ

       दुर्ग। जवाहर नगर में रहने वाले सरदान वरयान सिंह ने कोविड की जंग में अद्भुत जज्बा दिखाया है। वे लगातार 28 दिनों तक चंदूलाल चंद्राकर कोविड हास्पिटल में रहे। उनका आक्सीजन लेवल 60 तक गिर गया था लेकिन अपनी संकल्प शक्ति और डॉक्टरों द्वारा दिये संबल से उन्होंने कोविड का सामना किया और आज डिस्चार्ज होकर घर गये। डिस्चार्ज होने के बाद वरयान सिंह जी ने कहा कि मैं कभी भी इस हास्पिटल के स्टाफ के सपोर्ट और केयर को नहीं भूल पाऊंगा। हर दिन उन्होंने मुझे ताकत से इस बीमारी से लड़ने की शक्ति प्रदान की और आज पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट रहा हूं। सीसीएम के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि सरदार जी में जिजीविषा बहुत अधिक थी। वे हर पल ऊर्जा से भरे थे। उनका इलाज कर रहे डॉक्टर्स और स्टाफ से निरंतर उनके बारे में फीडबैक मिलते रहता था। जब वे आये तो आक्सीजन लेवल काफी गिरा हुआ था, हमने पहले दिन से ही मेडिसीन को लेकर प्लान किया और डॉक्टर लगातार उनकी स्थिति के मुताबिक मेडिसीन प्लान करते रहे। धीरे-धीरे वे रिकवरी के रास्ते पर आये और आखिर पूरे चार हफ्तों बाद उन्होंने कोविड की जंग जीत ली। इस तरह के मरीजों को रिकवर होता देख बहुत अच्छा लगता है। अभी 60 बरस पूरे कर चुके वरयान सिंह ने बताया कि अस्पताल का अनुभव बहुत अच्छा रहा। डॉ. बलविंदर जब भी राऊंड में आते, मुझसे कहते, आज आप कल की तुलना में और अच्छे लग रहे हैं। वे आश्वस्त करते कि आप जल्द ही अच्छे हो जाओगे, उनके संबल से दिन कटते रहे और धीरे-धीरे मैं रिकवरी के मोड में आते गया। हास्पिटल के दूसरे स्टाफ ने भी बहुत सेवाभाव से मेरा ख्याल रखा। खाने-पीने की भी सुविधा यहाँ पर अच्छी रही। 28 दिन का समय अस्पताल में इसलिए निकाल पाया कि हमेशा मन में उम्मीद रही कि हास्पिटल में जब इतना अच्छा इलाज मिल रहा है तो फिर दिक्कत क्यों होगी। श्री वरयान सिंह ने बताया कि मुझे शुगर की समस्या भी है। यह सब भी अस्पताल ने ध्यान रखा। श्री सिंह ने कहा कि मन में हमेशा सकारात्मक भाव रखना अच्छा होता है। आज सकारात्मक भाव रखने की वजह से मैं पूरी तरह स्वस्थ हूँ।

 

मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार 10 मई को

       दुर्ग। जिले में नवीन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब की स्थापना हेतु 01 मेडिकल माइक्रोबायोलॉजिस्ट, एमडी अथवा सीनियर साइंटिस्ट, 01 साइंटिस्ट के पदों के लिए संविदा भर्ती किया जाना है। इस हेतु इच्छुक आवेदक अपने संपूर्ण दस्तावेज के साथ निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन 10 मई को प्रातः 10ः30 बजे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होकर जमा कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए जिले की वेबसाइट ूूू.कनतह.हवअ.पद का अवलोकन किया जा सकता है।

इंदु आईटी के समीप नाले में चैन माउंटेन लगाकर की गई सफाई, चौड़ीकरण एवं संधारण के लिए तैयार किया जा रहा प्राक्कलन

       दुर्ग। श्री गुरविंदर सिंह वार्ड क्रमांक-9 साकेत नगर भिलाई निवासी द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय एवं भिलाई निगम प्रशासन से इंदु आईटी के नजदीक नाले के चौड़ीकरण एवं सफाई के संबंध में आग्रह किया गया था। उन्होंने वार्ड क्रमांक-10 एवं 16 के बीच स्थित इंदु आईटी के समीप नाला में बरसात के दिनों में नाले से ओवरफ्लो होने की आशंका जताते हुए इसके सफाई कराने तथा नाला के पक्कीकरण का आग्रह किया था।

       आज संबंधित जोन के आयुक्त एवं अधिकारियों ने तत्काल मौके पर अपनी टीम के साथ पहुंचकर, आवेदक श्री गुरविंदर सिंग की उपस्थिति में इंदु आईटी के समीप के नाला व इससे गुजरने वाले क्षेत्र का निरीक्षण किया। आवेदक की सूचना पर तत्काल कार्यवाही करते हुए नाला एवं आसपास की सफाई के लिए चैन माउंटेन लगाकर सफाई प्रारंभ कर दी गई है। नाला के आसपास एवं आगे लगभग 700 मीटर का क्षेत्र सकरा होने के कारण इसकी चौड़ीकरण कराने एवं पुल टूटने के कारण इसके संधारण की आवश्यकता को देखते हुए अतिशीघ्र प्राक्कलन तैयार किया जाएगा। प्राक्कलन शासन को प्रेषित कर इसकी सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर अग्रिम कार्रवाई शीघ्र की जाएगी।

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