
किसानों के लिए बीज आपूर्ति नियमों में संशोधन, 3300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति
लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक-2025 को मंजूरी
IFS अधिकारियों के लिए पदोन्नति, बैंक गारंटी पर स्टांप शुल्क निर्धारण
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्यहित से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के तीसरे अनुपूरक बजट और 2025-26 के बजट अनुमान को मंजूरी दी गई। किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराने हेतु नियमों में संशोधन किया गया और धान खरीदी भुगतान के लिए 3300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति दी गई। लोकतंत्र सेनानियों के लिए सम्मान योजना को मंजूरी मिली, वहीं वन अधिकारियों के लिए उन्नति योजना लागू की गई। इन निर्णयों से राज्य की वित्तीय स्थिति, कृषि, प्रशासनिक सुधार और लोकतांत्रिक मूल्यों को बल मिलेगा।
मुख्य निर्णय:
वित्तीय स्वीकृति एवं बजट
- वित्तीय वर्ष 2024-25 के तीसरे अनुपूरक बजट अनुमान को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान को विधानसभा में पेश करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई।
कृषि एवं किसान कल्याण
- राज्य के किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य भंडार क्रय नियम-2002 में संशोधन किया गया।
- बीज निगम प्राथमिकता के आधार पर पंजीकृत बीज उत्पादक किसानों से बीज खरीदेगा।
- खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की शेष राशि के भुगतान हेतु 3300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की गई।
लोकतंत्र सेनानियों के लिए सम्मान योजना
- छत्तीसगढ़ लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई।
विधानसभा सत्र और राज्यपाल अभिभाषण
- छत्तीसगढ़ विधानसभा के छठवें सत्र (फरवरी-मार्च 2025) के लिए राज्यपाल अभिभाषण को स्वीकृति दी गई।
बैंक गारंटी एवं स्टाम्प शुल्क
- बैंक गारंटी से जुड़े दस्तावेजों पर स्टाम्प शुल्क निर्धारित करने हेतु भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 का अनुमोदन किया गया।
वन सेवा अधिकारियों के लिए उन्नति योजना
- भारतीय वन सेवा (IFS) के 1992 से 1994 बैच के अधिकारियों को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) के समकक्ष स्केल प्रदान करने हेतु आवश्यक पद सृजन को स्वीकृति दी गई।
मंत्रिपरिषद के इन निर्णयों से राज्य की वित्तीय स्थिरता, किसानों की सुविधा, लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान, प्रशासनिक दक्षता और वन विभाग में सुधार सुनिश्चित किया जाएगा।