कोयला उत्पादन में 1 बिलियन टन का आंकड़ा पार, 42,315.7 करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत

- अप्रैल से दिसंबर 2024 तक, भारत के कोयला आयात में 8.4 प्रतिशत की गिरावट आई।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारत ने कोयला उत्पादन (Coal Production of India) में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 20 मार्च, 2025 को एक बिलियन टन (बीटी) को पार कर गया। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 997.83 मिलियन टन (एमटी) कोयला उत्पादन से 11 दिन पहले प्राप्त की गई है, जो भारत की अपनी ऊर्जा मांगों को सुनिश्चित करने और औद्योगिक, कृषि और समग्र आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति को चिन्हित करती है।
ये खबर भी पढ़ें: स्टील पीएसयू के मर्जर पर ध्यान दें, जबरन रिटायरमेंट जनहित में नहीं, सेल अधिकारी लगाएंगे 20 को काला बिल्ला
कोयला क्षेत्र की सफलता का श्रेय कोयला क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू), निजी क्षेत्र के दिग्गजों और 350 से अधिक कोयला खदानों में कार्यरत लगभग 5 लाख खदान श्रमिकों के अथक प्रयासों को जाता है।
ये खबर भी पढ़ें: Rourkela Steel Plant: जर्मन कंपनी की मदद से नई सौगात, कर्मचारियों को मिलेगी धूल से निजात
इन कोयला खनिकों ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिन्होंने बेजोड़ समर्पण के साथ अनेक चुनौतियों का सामना किया है।
ये खबर भी पढ़ें: सेल आरएसपी के 7 कर्मचारियों को मिला शाबाश अवॉर्ड, पढ़िए नाम
भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकता के लगभग 55 प्रतिशत के लिए कोयले पर निर्भर है, और देश की लगभग 74 प्रतिशत बिजली कोयला आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा उत्पन्न की जाती है। यह भारत की अर्थव्यवस्था को शक्ति प्रदान करने और ऊर्जा सुरक्षा को बनाए रखने में कोयले के अभूतपूर्व महत्व को चिन्हित करता है।
ये खबर भी पढ़ें: नेताजी के कब्जे पर चला भिलाई स्टील प्लांट का बुलडोजर, हाईकोर्ट तक गया था मामला
रिकॉर्ड तोड़ कोयला उत्पादन सरकार के रणनीतिक सुधारों और नीतियों को दर्शाता है, जैसे कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन और कोयला ब्लॉकों की वाणिज्यिक नीलामी के माध्यम से कोयला क्षेत्र को निजी खिलाड़ियों के लिए खोलना। इन पहलों से घरेलू कोयले की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे आयात में उत्तरोत्तर कमी आई है।
ये खबर भी पढ़ें: इंटर स्टील वॉलीबॉल चैम्पियनशिप: JSW ने RSP, BSP ने ASP, RINL ने दुर्गापुर स्टील प्लांट को हराया
और विदेशी मुद्रा बचत में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। अप्रैल से दिसंबर 2024 तक, भारत के कोयला आयात में 8.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 5.43 बिलियन डॉलर (42,315.7 करोड़ रुपए) की विदेशी मुद्रा की बचत हुई।
ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारियों और अधिकारियों ने खाई कसम, पढ़ें क्यों
यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है और सतत विकास सुनिश्चित करते हुए ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कोयला मंत्रालय के चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डालती है।
ये खबर भी पढ़ें: कर्मचारी पेंशन योजना 1995: सरकार के गले की हड्डी बनी ईपीएस 95 पेंशन, पेंशनभोगी भड़के
यह उपलब्धि सिर्फ़ कोयला उत्पादन के बारे में नहीं है; यह दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और भारत के समग्र विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्नत खनन तकनीकों को अपनाकर, रसद को अनुकूलित करके और टिकाऊ प्रणालियों को बढ़ावा देकर, कोयला क्षेत्र भारत के ऊर्जा इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त करने और आर्थिक मजबूती बढ़ाने में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।
ये खबर भी पढ़ें: भिलाई स्टील प्लांट में हादसा, ट्रक ने साइकिल सवार मजदूर को मारी टक्कर, देखिए फोटो
‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अनुरूप, यह मील का पत्थर भारत को ऊर्जा क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने की स्थिति में ले जाता है। निरंतर रणनीतिक सुधारों, तकनीकी प्रगति और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के माध्यम से, आत्मनिर्भर भारत की ओर भारत की यात्रा पटरी पर बनी हुई है। यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए आत्मनिर्भर, ऊर्जा-सुरक्षित भविष्य को सुरक्षित करने के लिए देश की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
ये खबर भी पढ़ें: सेक्टर 9 हॉस्पिटल की महिला डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ से मिलकर सीटू नेताओं ने दी बधाई, कर्मियों ने झूला घर की याद दिलाई
The post कोयला उत्पादन में 1 बिलियन टन का आंकड़ा पार, 42,315.7 करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत appeared first on Suchnaji.