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सदन के अंदर जूता चलाने की संस्कृति को जन्म देने वालों के काले कारनामों को अभी छत्तीसगढ़ के लोग भूले नहीं है

भाजपा संसदीय परंपराओं की झूठी दुहाई देना बंद करें

 

       रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बड़ी-बड़ी संसदीय परंपराओं की दुहाई देने वाली भाजपा को चुनौती दी है कि यदि साहस हो तो भाजपा घटनाक्रम का पूरा वीडियो फुटेज जारी करें ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके। भाजपा को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि जब सदन की कार्यवाही बंद हो जाती है तो प्रसारण बंद हो जाता है ये एड़ीटेड वीडियो फुटेज भाजपा को कहां से मिला? जहां से ये दस सेकंड का वीडियो फुटेज मिला है वहीं से पूरा वीडियो फुटेज लेकर भाजपा को उसे जारी करने का नैतिक साहस दिखाना चाहिए। भाजपा अपने महिला विरोधी आचरण के लिये महिलाओं से और पूरे समाज से माफी मांगें।

       शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से दो बेटियों एक आदिवासी वर्ग से फूलोदेवी नेताम और पिछड़ा वर्ग की छाया वर्मा के विरूद्ध भाजपा ने पत्रकारवार्ता लेकर झूठे निराधार आरोप लगाये हैं। अभी छत्तीसगढ़ के लोग और मध्यप्रदेश के लोग भूले नहीं है कि सदन के अंदर जूता चलाने की संस्कृति को उसकी संसदीय परंपरा को भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ के नेताओं ने ही अंजाम दिया था। उनके उस काले कारनामे को अभी लोग भूले नहीं है। न सदन के बाहर, न सदन के अंदर मोदी सरकार में महिलायें कहीं सुरक्षित नहीं। भाजपा दस सेकंड का फुटेज नहीं पूरा फुटेज जारी करें।

       बीमा विधेयक को बिना चर्चा पारित करने के लिये रचे गये षड़यंत्र को जायज ठहराने के और छत्तीसगढ़ भाजपा द्वारा की गयी पत्रकारवार्ता झूठ पर आधारित है। न सदन के बाहर न सदन के अंदर, मोदी सरकार में महिलायें कहीं सुरक्षित नहीं।

       संसद में जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ की दो महिला सांसदों एक आदिवासी वर्ग की फूलोदेवी नेताम और पिछड़ा वर्ग की छाया वर्मा इन पर जिस तरीके से भाजपा के पुरूष सांसदों ने और मार्शलों ने हमला किया वह बेहद और शर्मनाक है। छत्तीसगढ़ की महिला सांसदों का यह अपमान छत्तीसगढ़ के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। घूसे बरसाये गये इन महिला सांसदों पर धक्का देकर गिराया गया। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता इस बर्बरता और असंसदीय आचरण को उचित साबित करने के लिये राजधानी रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस करते है, इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?

      उन्होंने भाजपा के सांसदों ने और संसद के मार्शलों ने छत्तीसगढ़ की नारी शक्ति का और छत्तीसगढ़ की गौरवशाली परंपराओं का अपमान किया है। संस्कारी प्रदेश छत्तीसगढ़ है इस पर कोई असहमति नहीं हो सकती है। लेकिन संसद में जो कुछ भी हुआ उससे तो संस्कार टूटे है।

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