सीजेरियन डिलीवरी की सुविधा आरंभ हो जाने के बाद से अब तक 10 सी-सेक्शन
प्रत्येक गुरुवार को हो रही सोनोग्राफी जांच, पाटन स्वास्थ्य केंद्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के पश्चात रहवासियों को मिली काफी राहत
दुर्ग। पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सी-सेक्शन अर्थात सीजेरियन डिलीवरी की सुविधा आरंभ हो जाने के पश्चात से अब तक 10 सीजेरियन डिलीवरी हो चुकी है। पहली सीजेरियन डिलीवरी 26 जुलाई को हुई थी और ग्राम गोंडपेंड्री निवासी तीजन बाई को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। इसके पश्चात अब तक पाटन स्वास्थ्य केंद्र में ३९ प्रसव हो चुके हैं। इसमें 10 सीजेरियन डिलीवरी के मामले हैं जिनमें सफलतापूर्वक सी-सेक्शन किया गया और जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा गया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की व्यवस्था बेहतर करने एवं अधोसंरचना सहित मानव संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में पाटन स्वास्थ्य केंद्र में भी स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की गई जिससे सीजेरियन डिलीवरी का कार्य यहां आरंभ हो सका। फिलहाल स्त्री रोग विशेषज्ञ डा केके डहरिया एवं निश्चेतना विशेषज्ञ डाक्टर अजय ठाकुर एवं टीम सी-सेक्शन कर रही हैं। बीएमओ डाक्टर आशीष शर्मा ने बताया कि पाटन में यह सुविधा आरंभ हो जाने से रहवासियों को काफी आराम मिला है। यह सुविधा आरंभ हो जाने से माताएं आश्वस्त रहती हैं कि यदि नार्मल डिलीवरी नहीं हो पा रही तो सी-सेक्शन के माध्यम से डिलीवरी संभव हो पाएगी। उन्होंने बताया कि सी-सेक्शन के लिए सभी आवश्यक उपकरण पाटन स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध हैं और टीम लगातार एएनसी के बाद मानिटर करती रहती है। जरूरत पड़ने पर सी-सेक्शन का निर्णय लिया जाता है। पाटन की मेडिकल टीम इस मामले में काफी सजग है। हाल ही में एक ऐसा केस आया जिसमें गर्भवती महिला का हीमोग्लोबिन लेवल काफी कम हो गया और महज चार रह गया। ऐसे में पाटन में ट्रांसफ्यूज कर ब्लड मंगाया गया और सफलतापूर्वक डिलीवरी संपन्न हो गई। पाटन और झींट केंद्र में सीबीसी टेस्ट की सुविधा आरंभ हो जाने से भी इस दिशा में काफी सुविधा मिली है। सीबीसी टेस्ट में प्लेटलेट्स के साथ ही विटामिन बी १२ एवं फालिक एसिड की स्थिति की जानकारी भी हो जाती है जो काफी उपयोगी होती है। यह जांच यहां निःशुल्क उपलब्ध है जबकि प्राइवेट सेंटर में कराये जाने पर इसके साढ़े तीन सौ रुपए लगते हैं। नवजात शिशु का आगमन किसी परिवार के लिए सबसे मंगलकारी घटना होती है। ऐसे में जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें, इसके लिए एक किट भी प्रदान किया जाता है। इसमें जच्चा के लिए मेंस्ट्रल हाइजिन के लिए सैनेटरी पैड्स होते हैं। बच्चे के लिए टावेल और सोप तथा कपड़े होते हैं। डाक्टर शर्मा ने बताया कि जीवनदीप समिति की राशि का उपयोग कुछ ऐसे खर्चों के लिए करते हैं जिससे अस्पताल का माहौल अधिक स्वास्थ्यप्रद हो। जैसे सभी वार्डों में मच्छरदानी जाली लगा दी गई है। उल्लेखनीय है कि एनीमिया के चिन्हांकन को लेकर भी शासन द्वारा बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। सफल प्रसव की दिशा में इस अभियान से काफी सहयोग मिलेगा।
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लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों का समुचित
रूप से पालन करें- संभागायुक्त श्री दिलीप वासनीकर
दुर्ग। संभागायुक्त श्री दिलीप वासनीकर ने दुर्ग संभाग के कलेक्टरों को छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम के प्रावधानों का समुचित रूप से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिनियम के तहत् प्रावधानों का क्रियान्वयन के संबंध में कलेक्टरों को कहा है कि अधिनियम का उद्देश्य लोगों को समयबद्ध सेवाओं का लाभ देना और उनकी समस्या का निराकरण करना है। अधिनियम का समुचित रूप से पालन हो इसके लिए कलेक्टरों को नियमित रूप से समीक्षा करने और जिले की संकलित जानकारी पाक्षिक एवं मासिक समय सीमा के भीतर संभाग कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है। संभागायुक्त ने कलेक्टरों को पत्र जारी करते हुए कहा है कि अधिनियम का कड़ाई से पालन करते हुए अधिनियम के उद्देश्य और लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में सर्वोच्च प्राथमिकता से कार्य करना सुनिश्चित करें।
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित
दुर्ग। महिला बाल विकास विभाग की एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई 02 में आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। परियोजना अधिकारी से मिली जानकारी के परियोजना क्षेत्र में भिलाई-चरौदा के वार्ड 32 आंगनबाड़ी केन्द्र देवबलौदा (ब), वार्ड 02 के आंगनबाड़ी केन्द्र हथखोज (अ) और वार्ड 20 के आंगनबाड़ी केन्द्र चरौदा (अ) में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद रिक्त है। इच्छुक महिलाएं 26 नवंबर 2019 तक परियोजना कार्यालय भिलाई-02 में सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से आवेदन जमा कर सकते हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हेतु में भारी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 12 वीं है अथवा 10$1 पद्धति के अनुसार 11 वीं बोर्ड उतीर्ण, आयु 18 से 44 वर्ष (1 वर्ष से अधिक अनुभव रखने वाली सहायिका को आयु सीमा में 3 वर्ष की छुट दी जाएगी)। इसके अलावा आवेदिका को उसी वार्ड की स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा जिस वार्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र स्थित है। साथ ही आवेदिका का नाम संबंधित वार्ड की मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए। जिसकी प्रति आवेदन पत्र के साथ लगानी होगी और वार्ड पार्षद अथवा पटवारी द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र जिसमें स्थाई निवास और पते का स्पष्ट उल्लेख हो प्रस्तुत करना होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद हेतु गरीबी रेखा परिवार, अनुसूचित जाति, विधवा, परित्यक्ता अथवा तलाकशुदा महिला होने पर अतिरिक्त अंक प्रदान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि आंगनबाड़ी कार्यकता का पद पूर्णतः मानसेवी तथा अशासकीय पद है। भर्ती के बाद केंद्र और राज्य शासन द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए एकीकृत बाल विकास परियोजन कार्यालय 02 के कार्यालय मंे कार्यालयीन समय में संपर्क किया जा सकता है।