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छत्तीसगढ़ वासियों ने मिलजुलकर कोरोना का मुकाबला किया है

छत्तीसगढ़ वासियों ने मिलजुलकर कोरोना का मुकाबला किया है
लाकडाउन 1, लाकडाउन 2, लाकडाउन 3 में हमने कोरोना को नियंत्रण में रखा 
लाकडाउन 4 में भी हम सब मिलकर कोरोना का मुकाबला करेंगे
       रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहा है कि झीरम घाटी कांड में राजनैतिक नरसंहार किया गया। शहीद आत्माओं को अभी तक न्याय नही मिला है। झीरम घाटी कांड के षडयंत्र की सच्चाई को सब जानना चाहते है। हमारे सुरक्षाकर्मी भी बड़ी संख्या में आम नागरिक भी शहीद हुये थे। प्रदेश के सभी शासकीय और अर्धशासकीय कार्यालयों में झीरम की श्रंद्धाजलि दिवस मनाया जा रहा है। बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा के नाम से बस्तर विश्वविद्यालय को जाना जायेगा।
एनआईए को पूर्व की राज्य सरकार ने जो जांच को सौंपा था और उन्होंने अपनी जांच कम्पलीट कर ली। लेकिन जो झीरम घाटी कांड में षंडयंत्र हुआ है उसके बारे में कोई जांच नहीं हुई। जो नक्सली पकड़े गये है, एएनआई ने आत्मसमर्पित नक्सलियो  का बयान नहीं लिया, जो घटना स्थल पर थे उनसे भी बयान नहीं लिया गया। फूलोदवी नेताम सहित झीरम में घटना स्थल पर उपस्थित साथियों के भी बयान एनआईए ने नहीं लिया। एनआईए जांच ही अधूरी है। इस मामले में जांच पूरी हो, सबका बयान हो, जो तथ्य है सामने आने चाहिये।
       कोरोना सबसे पहले हवाई यात्रियों से छत्तीसगढ़ में आया। कोरोना महामारी का हम सब लोगो ने डटकर सामना किया और जो सफलता मिली है वह सबके सामूहिक प्रयत्नों का परिणाम है। छत्तीसगढ़ के आम नागरिक और छत्तीसगढ़ के शासन के अधिकारी, कर्मचारियों, हमारे सभी जनप्रतिनिधियों, छत्तीसगढ़ वासियों हमारे सभी समाजिक संगठनों और सभी औद्योगिक व्यवसायिक संगठनों और साथ ही मीडिया एवं पत्रकारो के सभी साथीयो ने सबने मिलकर इस कोरोना का सामना किया। अभी तीसरे फेस में जो श्रमिक आये हैं या छात्र-छात्रायें आयें हैं और जो लोग बाहर फस गये थे लाकडाउन के कारण वो सब लोग वापस आये है और उसी में से कुछ संक्रमित व्यक्ति भी वापस आ रहे है। निश्चित रूप से संक्रमण की संख्या बढ़ी लेकिन डरने और घबराने जैसी बात नहीं है। लाकडाउन के प्रथम चरण और दूसरे, तीसरे चरण में हम सब ने मिलकर कोरोना नियंत्रित किया और चौथा चरण में भी नियंत्रित करेंगे। ये सब सबके सहयोग से ही संभव हो पाया है।
       राज्य में जो भी चाहे हवाई यात्री करके आये या रेल यात्रा से आये हम सब उसको क्वारेंटाईन करेंगे क्योकि बहुत मेहनत से हम सब लोगो ने मिलकर मेहनत की। कोई ऐसा संगठन नहीं जिन्होंने ने मेहनत नहीं किया सब ने बहुत मेहनत किया तब जाकर के हम कोरोना महामारी को नियंत्रित कर पाये। ये किसी एक को श्रेय नहीं इस श्रेय के भागीदार हम सब है। इस लड़ाई में जिन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया अपनी जान जोखिम में डालकर हमारे कर्मचारी, अधिकारी, संगठन, सब ने भाग लिया राजनैतिक लोगो ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तब जा कर के कोरोना को नियंत्रित कर पाये है। थोड़ी सी मेहनत और लगेगी। हम 60 दिन मेहनत किये है 15 दिन और मेहनत लगेगी। आखिर हमारे ट्रेन जो 23 मई को आयेगी और उसके बाद उन सबको 15 दिन क्वारेंटाईन में रखेंगे और 15 दिन के बाद सारे स्थिति स्पष्ट हो जायेगा कि कितने प्रभावित है कितने नहीं है। जो  कोरोना संक्रमण से प्रभावित है उनका इलाज चल रहा है। छत्तीसगढ़ में अभी तक कोरोना से एक भी मौत नहीं हुयी है।

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