जिले में कोरोना पाॅजिटिव केस नहीं पाये जाने पर कन्टेन्मेंट जोन से मुक्त
दुर्ग। जिले के कुबेर इनकेव वार्ड नं. 7, जुनवानी रोड कोहका, नगर पालिक निगम भिलाई एवं वार्ड नंबर 15, मउहारी भाटा मड़ोदा, रिसाली में कोरोना पाॅजिटव केस पाये जाने के उपरांत उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया था। उक्त क्षेत्र में पिछले 14 दिवस में कोई भी नए पाॅजिटीव केस नहीं आये है। अतः कन्टेनमेंट जोन की अधिसूचना को समाप्त करते हुए चिन्हित क्षेत्र में जिन व्यक्तियों को होम क्वारंटाईन किया गया है उनके क्वारंटाईन अवधि तक यथास्थिति बनी रहेगी। चिन्हांकित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकाने एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शासन के नियमानुसार संचालित होंगे। चिन्हित क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को कोरोना से संबंधित लक्षण होने पर तत्काल कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 0788-2210180 अथवा 0788-2210773 पर सूचित करेंगे।
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स्ट्रीट ट्री कहे जाने वाले गुलमोहर के पौधे तैयार किए जाने का काम शुरू
फिलहाल केवीके में हजार पौधे तैयार किए जा रहे, पेल्टाफोरम प्रजाति के गुलमोहर के इस पौधे में लगते हैं पीले फूल
प्रमुख सड़के गुलजार होंगी इस पेड़ से
दुर्ग। गुलमोहर के फूलों से बिखरी सड़कें कितनी सुंदर लगती हैं। कितने ही डेस्कटाप और लैपटाप में स्क्रीनसेवर में यही नजारा मिलता है। गुलमोहर को बढ़ाने की जिला प्रशासन की पहल निकट भविष्य में दुर्ग जिले की सारी प्रमुख सड़कों में भी यही नजारा दिखेगा और यहां के नागरिकों के लिए यह नजारा इतना करीब होगा कि अपने लैपटाप या डेस्कटाप के लिए किसी स्क्रीन सेवर की जरूरत नहीं होगी, वे अपने मोबाइल से ही दूर तक सड़कों में फैली गुलमोहर की सुंदरता का आनंद लेते हुए अपने सिस्टम के स्क्रीन सेवर के लिए इसके फोटोग्राफ ले सकेगें।
जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने महत्वपूर्ण सड़को पर गुलमोहर के पौधे लगाने निर्देशित किया है जिसके अंतर्गत गुलमोहर के एक हजार पौधे केवीके में तैयार हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि यह गुलमोहर की पेल्टाफोरम प्रजाति के पौधे हैं। इन्हें रोपित करने ट्री गार्ड भी तैयार किए जा रहे हैं। पौधे जरूरत के मुताबिक ऊंचाई में आ जाने के बाद जिले की प्रमुख सड़कों में रोपित कर दिये जाएंगे। केवीके में यह ऐसी पौध तैयार हो रही है जो पूरे जिले की सुंदरता को नये सिरे से गुलजार कर देगी। अधिकांश पेड़ों में फूल खिलते हैं लेकिन गुलमोहर में फूल ही फूल नजर आते हैं इतने की पत्तियां भी इनकी वजह से छिप जाती हैं। जिला प्रशासन की इस पहल से न केवल हरियाली का रास्ता खुलेगा अपितु सड़कें न्यूनतम निवेश के सुंदरता से गुलजार होंगी। गुलमोहर का पौधा तेजी से बढ़ता भी है। अप्रैल और मई के महीने में इसके फूलों से सड़कें बिछी रहती हैं।
उल्लेखनीय है कि पेल्टाफोरम प्रजाति के वृक्षों की बंगलूरू में भी बहुतायत हैं। लाकडाउन के दौरान बहुत से प्रकृति प्रेमियों ने इसकी फोटो अपने सोशल मीडिया में शेयर की। जहां सूनी सड़कों को गुलमोहर के फूलों की सुंदरता गुलजार कर रही थी। पूरी सड़क गुलमोहर के फूलों से बिछ गई थी।
गुलमोहर के पेड़ के साथ यह भी खास है कि यह न्यूनतम निवेश में अधिकतम सुंदरता की गारंटी करता है। सूखे मौसम में भी इसकी उत्तरजीविता रहती है क्योंकि यह मूलतः अफ्रीकन पौधा है। मूल रूप से यह पौधा स्ट्रीट ट्री ही कहलाता है। यही वजह है कि मेडागास्कर जैसे छोटे से द्वीप से यह पूरी दुनिया में फैल गया।
कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पक्षियों के विषय पर भी अपनी बात कही थी। उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व पशुपक्षियों के लिए भी है। उन्होंने फलदार पौधों के रोपण की बात कही ताकि पशुपक्षियों को भी उनके पर्यावास में ही पर्याप्त आहार मिल सके। उल्लेखनीय है कि गुलमोहर का पौधा पक्षियों के लिए आश्रय स्थल भी बनता है। कापर स्मिथ बार्बेट, ब्राउन हेडेड बार्बेट और मैना अपना घोंसला बनाने इसी पेड़ को चुनती हैं।
गुलमोहर सुंदरता का प्रतीक है इसलिए ही कवियों ने इतनी सुंदर कविताएं इस पर गढ़ी भी हैं। गुलजार ने लिखा है कि ‘’गुलमोहर गर तुम्हारा नाम होता, मौसम-ए-गुल को हंसाना हमारा काम होता।‘’ इस वृक्ष की शाम की सुंदरता पर आगे की लाइन और भी खूबसूरत है। ‘’शाम के गुलाबी से आंचल में ये दिया जला है चांद सा।‘’
गुलमोहर का पेड़ कवियों के लिए संवेदनशीलता का प्रतीक भी बन जाता है। दुष्यंत कुमार ने लिखा था कि ‘’जिये तो अपने बगीचे में गुलमोहर के तले, मरे तो गैर की गलियों में गुलमोहर के लिए।‘’
दुर्ग में तैयार हो रहे गुलमोहर के पौधें आने वाली पीढ़ी को एक सुंदर धरोहर है जो उनके जीवन की सुंदरता को और बढ़ायेगी।
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बिहान की दीदियों द्वारा बनाये जा रहे एलोवीरा, चारकोल जैसे हर्बल साबुन की बढ़ी डिमांड
एक्सिस बैंक ने अपने सभी ब्रांचों के लिए खरीदा
दुर्ग। बाजार में बिक रहे केमिकल युक्त साबुन की जगह एलोवीरा जैसे हर्बल तत्वों से साबुन बनाने वाली बिहान की दीदियों के उत्पादों का बाजार विस्तारित हो रहा है। इनके एलोवीरा, चारकोल जैसे तत्वों वाले साबुन के बारे में जानकारी मिलने के बाद एक्सिस बैंक प्रबंधन ने जिले के सभी ब्राचों के लिए यह साबुन खरीदने का निर्णय लिया। एक्सिस बैंक के प्रबंधक श्री संदेश देशकर ने बताया कि मुझे यह जानकारी मिली कि एलोवीरा, नींबू जैसे नैचुरल तत्वों से बिहान की महिलाएं साबुन बना रही हैं। ऐसा लगा कि यह महिलाएं आत्मनिर्भर तो हो ही रही हैं वे नये कांसेप्ट को लेकर आगे बढ़ी हैं। इसलिए इन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। हमने आज अपने ब्रांचों के लिए 25 सौ रुपए का साबुन खरीदा। जैसे ही जरूरत पड़ेगी, फिर से खरीदेंगे। श्री देशकर ने बताया कि बिहान में बड़ी अच्छी ट्रेनिंग दी जा रही हैं। ये महिलाएं केवल वस्तुएं ही तैयार नहीं कर रहीं। इनके बाजार की नब्ज पर भी पकड़ है। अभी लोग हर्बल ट्राई कर रहे हैं जो त्वचा के लिए ज्यादा कोमल होता है। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि बिहान की महिलाएं साबुन बना रही हैं और उन्हें इसे बेचने में अच्छी सफलता मिल रही है। काफी सारे लोग इनसे उत्पादों के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में, पंचायतों में इनके द्वारा बनाये गए साबुनों का प्रयोग हो रहा है। लाकडाउन के दौरान इन्होंने बड़ी मेहनत की। सीईओ ने बताया कि इन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है और बाजार से लिंक करने की कोशिश भी की जा रही है। जिस तरह का रिस्पांस मिल रहा है वो बहुत अच्छा है। महिलाओं ने प्रोडक्ट बनाने में और इसे बेहतर गुणवत्तापूर्ण बनाने में बड़ी मेहनत की है। जय मां संतोषी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी सिंगौर ने बताया कि हम लोग सांकरा के आजीविका केंद्र में इसे तैयार कर रहे हैं। हमने इसका पूरा प्रशिक्षण लिया है। जिला पंचायत द्वारा हमें लगातार मार्गदर्शन दिया जाता है। साथ ही हमारे उत्पादों को बाजार दिलाने के लिए प्रशासन ने काफी काम किया है। श्रीमती सिंगौर बताती हैं कि हमें बहुत अच्छा लगता है जब दूरदराज से भी फोन आते हैं और हमारे हर्बल उत्पादों के बारे में जानकारी लेते हैं। अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह का फ्लेवर पसंद आता है किसी को जैस्मीन, किसी को एलोवीरा, किसी को गुलाब। हमारी कोशिश होती है कि हम गुणवत्तापूर्वक उत्पाद उपलब्ध कराएं। आज से कुछ समय पहले हमारे लिए सोच पाना भी कठिन था कि हम साबुन बना पाएंगे। अब तो हमारे द्वारा बनाया साबुन पंचायत में काम आता है। उल्लेखनीय है कि लगातार सैनिटाइजेशन पर जोर, हाथ धोये जाने पर जोर, मनरेगा में काम के दौरान हाथ नियमित रूप से धुलाने पर जोर देने से साबुन का उपयोग बढ़ा है। ऐसे में बिहान के महिलाओं की मेहनत उनके गांवों में ही खप जा रही है और बाहर भी बड़ा बाजार उनके लिए खुल गया है।
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कोर्ट के मालखाने की पुरानी साइकलें होंगी नीलाम
दुर्ग। जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग के विभिन्न प्रकरणों में जब्त की गई मालखाने की पुरानी साइकिलें नीलाम की जाएंगी। नीलामी 3 जुलाई को ग्यारह बजे से दो बजे तक न्यायालय के प्रागंण में होगी। कोरोना संक्रमण को रोकने शासन द्वारा जारी किये गए बचाव के उपायों का पालन करते हुए इच्छुक व्यक्ति निलामी में हिस्सा ले सकते हैं।
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सामान्य सभा की बैठक 19 जून को
दुर्ग। जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक 19 जून 2020 को 12ः00 बजे जिला पंचायत के सभाकक्ष मे आयोजित की गई है। बैठक में मनरेगा, स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, राजीव गांधी न्याय योजना, निर्माण कार्यो, पेयजल व निस्तारी की तैयारी, जिला पंचायत का बजट से संबंधित व अन्य विषयों पर चर्चा की जायेगी। संबधित विभाग के अधिकारियों को पूर्ण जानकारी के साथ बैठक मे उपस्थित होने कहा गया हैं।
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मृतक के परिजनों के लिए अर्थिक सहायता
दुर्ग। प्राकृतिक आपदा से मृत्यु हो जाने पर मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है। इनमें स्व. तरूण कुमार 23 नवबंर 2016 को एवं स्व. खुशबू का 17 सितबंर 2019 को पानी में डुबने से हुई मृत्यु के लिए उनके परिजनों के लिए क्रमशः 4-4 लाख रू. की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
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जिले में कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने पर कन्टेन्मेंट जोन घोषित
दुर्ग। जिले के सेक्टर-6 अग्रसेन भवन, पी.एन.टी काॅलोनी, नेवई बस्ती वार्ड क्रमांक 42 रिसाली भिलाई और ग्राम कुम्हारी वार्ड क्रमांक 14, तहसील धमधा व ग्राम औंधीे, तहसील पाटन में नया कोरोना पाॅजिटिव केस पाये जाने के कारण कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है। कन्टेनमेंट जोन में चिन्हांकित क्षेत्र में सभी प्रकार के दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेगी। इसके अलावा सभी प्रकार की वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किसी भी कारण से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। उक्त क्षेत्र की निगरानी के पुलिस विभाग के माध्यम से पेट्रोलिंग की जावेगी। जिला चिकित्सालय व स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से संबंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी के साथ निर्देशानुसार सेम्पल की जांच की जायेगी।
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एक भी बच्चा सिग्नल पर भीख माँगते दिखा तो इसे माना जाएगा चाइल्ड लाइन की चूक
जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने दिये स्पष्ट निर्देश, कहा चाइल्ड लाइन और टास्क फोर्स मिल कर सुनिश्चित करें
दुर्ग। सिग्नल पर भीख माँगते बच्चों के मामले में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने चाइल्ड लाइन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी बच्चा सिग्नल पर भीख माँगता नजर आया तो इसे चाइल्ड लाइन की चूक माना जाएगा। चाइल्ड लाइन और टास्क फोर्स इस संबंध में कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के पेरेण्ट्स पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन की अहम जिम्मेदारी ऐसे सभी बच्चों को लेकर है और इसे पूरी दक्षता से निभाया जाना चाहिए। कलेक्टर ने ऐसे बच्चों के बारे में निर्देश दिए जिन्होंने अपने अभिभावकों को खो दिया है। उन्हें संरक्षण में लेने और आगे की जिम्मेदारी का निर्वहण करने के लिए निर्देश दिया। ऐसे ही एक नाबालिग बच्ची जो पहले अपने माता-पिता को खो चुकी है उसके आठवीं के बाद पढ़ाई की जिम्मेदारी लेने के निर्देश दिये। साथ ही एक मूकबधिर बच्चे के रहने और अन्य चीजों की व्यवस्था के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी सबसे अहम है। बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे, इस मामले में त्वरित निर्णय लेना है। समिति की बैठक तय समय पर हो। जहां पर भी इनसे जुड़ी संस्थाओं में पदों की रिक्तियां होती हैं वहां त्वरित कार्रवाई कर पदों को भरे जाने की कार्रवाई करें। जो बच्चे बालगृह में आते हैं उनके सामान्य स्वास्थ्य जांच के अलावा सिकलिन आदि के स्वास्थ्य जांच के संबंध में भी उन्होंने निर्देश दिए।
कलेक्टर ने पिछली बैठक के एजेंडा पर हुई कार्रवाई के संबंध में भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पिछली बैठक में बच्चों के एजुकेशन पर और सुरक्षा के लिए कैमरे आदि लगाने के विषय में निर्णय हुए थे पर कार्रवाई हुई है। आज बैठक में शासकीय विशेष गृह एवं प्लेस आफ सेफ्टी के निर्माण जल्द आरंभ करने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देशित किया गया। लंबित प्रकरणों के शीघ्रताशीघ्र निराकरण के बारे में भी कहा गया। देखरेख संस्थाओं में रिक्त पदों के संबंध में भी जानकारी दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि यह प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी कर ली जाएगी। संकटग्रस्त बालकों के पहचान के लिए पंचायतों में सर्वे किया जा रहा है। कलेक्टर ने अधिकारियों को नियमित मानिटरिंग कर यहां बेहतर व्यवस्थाएं रखने के निर्देश दिए। साथ ही बाल गृह में खेल और पढ़ाई आदि विषयों पर अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में एडीशनल एसपी श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम, सीएमएचओ डाक्टर गंभीर सिंह ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।