नि:शक्त बच्चों ने लगाई दौड़, सपनों के रंग भरे कैनवास पर
भिलाई। सामाजिक संगठन गोल्डन एम्पथी (जीई) फाउंडेशन की ओर से रविवार को आयोजित वार्षिक खेल मेला ‘उड़ान’ में भिलाई-दुर्ग सहित अंचल के विभिन्न जिलों के 13 स्कूलों के 400 से ज्यादा बच्चों ने खूब दौड़ लगाई और विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। वहीं अपनी सृजनात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करते हुए बच्चों ने कैनवास पर अपनी कल्पना को रंग भर कर अतिथियों से खूब शाबाशी बटोरी।
भिलाई निवास के सामने स्थित मैदान में सुबह से शुरू हुए आयोजन में इन नि:शक्त बच्चों द्वारा निर्मित विभिन्न हस्तशिल्प के स्टॉल भी लगे थे। जहां सुबह से शाम तक पहुंचे तमाम अतिथियों ने खूब खरीदारी की और इन बच्चों की हौसला अफजाई की।
सुबह की बच्चों की खेल प्रतियोगिताओं का उद्घाटन बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने हरी झंडी दिखा कर किया। अपने संबोधन में दासगुप्ता ने कहा कि इन विशेष बच्चों को दया की जरूरत नहीं है बल्कि इन्हें जीवन सिर्फ प्रोत्साहन चाहिए। अगर इन बच्चों को लगातार प्रोत्साहन मिले तो ये सामान्य बच्चों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंची केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की डीआईजी प्रतिभा अग्रवाल ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि इन बच्चों को प्रोत्साहित करने का अवसर मिल रहा है। विशिष्ट अतिथि दुर्ग जिले के एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि जीई फाउंडेशन जैसे मंच इन विशेष बच्चों की प्रतिभा को नया आकाश दे सकते हैं।
इस आयोजन में मुख्य रूप से मुस्कान, प्रगति,नवजीवन, नयनदीप, मानवता, ब्राइट स्नेह संपदा, प्रेरणा दिव्य ज्योति, सार्थक कदम, अभिनव कौशल रिहैबिलिटेशन सेंटर सृजन फाउंडेशन और प्रयास भिलाई से, अभिलाषा राजनांदगांव, धमतरी से सार्थक कदम, आकांक्षा रायपुर और समग्र शिक्षा अभियान दुर्ग से 400 से ज्यादा नि:शक्त बच्चों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी दी।
खेल प्रतियोगिताओं के अलावा इस बार आयोजन में इन बच्चों के लिए ड्राइंग एवं पेंटिंग प्रतियोगिता भी रखी गई। जिसमें सभी नि:शक्त बच्चों ने अपनी कल्पना को कैनवास पर नए रंग दिए। जीई फाउंडेशन के संयोजक प्रदीप पिल्लई ने कहा कि इन बच्चों की सभी पेंटिंग की प्रदर्शनी जल्द ही नेहरू आर्ट गैलेरी में लगाई जाएगी और वहां इन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
आयोजन में दिन कई विशिष्ट अतिथि पहुंचे और इन बच्चों को प्रोत्साहित किया। इनमें डीआईजी एससएबी थामस चाको, ईडी माइंस रावघाट समीर स्वरूप, ईडी पीएंडए पवन कुमार, सीजीएम रिफ्रैक्ट्री सुधीर कुमार, बीएसपी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. रविंद्रनाथ एम. सेफी चेयरमैन नरेंद्र बंछोर, महासचिव ओए परविंदर सिंह, सेंट थॉमस आश्रम के रेव्ह फादर रमबान, हीरा ग्रुप के डायरेक्टर विनोद पिल्लई, जीएम एसआरएम तनमय सेन, जीएम एसएमएस-3 यतेंद्र कुमार, जीएम आरईडी प्रशांत साहा और युवा नेता मनीष पांडेय व श्रीमती विनिता पांडेय ने सभी बच्चों से मुलाकात की और उनके बनाए हस्तशिल्प के सामान को खरीदा। इसके पहले स्वागत भाषण जीई फाउंडेशन की अनुपमा मेश्राम ने दिया।
आयोजन को सफल बनाने में जीई फाउंडेशन से सुभागा सुरेश, मृदुला शुक्ला, डॉक्टर ज्योति पिल्लई, अनुपमा मेश्राम, प्रकाश देशमुख, स्वाति पंडवार, योगिता साहू ,लवीना देवांगन, मोनिका सिंह, डॉक्टर जयश्री नागरे, प्रतिभा पटेल, संजय मिश्रा,के. वी. विनोद, जावेद खान, मनीष टावरी, उमेश पटेल, श्रेयांश एस कुमार, आदर्श नायर और विष्णु आनंद सहित सभी सदस्यों का योगदान रहा। समूचे कार्यक्रम का संचालन सत्यवान नायक ने और आभार प्रदर्शन स्वाति बारीक ने किया।
अदबी नशिस्त में नवाजे गए कोरी और नारंगआईना-ए-अदब की काव्य गोष्ठी व सम्मान
भिलाई। आईना-ए-अदब तंजीम भिलाई-दुर्ग के तत्वावधान में एक नशिस्त (काव्य गोष्ठी) और सम्मान समारोह का आयोजन 9 दिसंबर को शायर मोहम्मद अबू तारिक के कोहका स्थित निवास में किया गया। इसमें हजल गो शायर रामबरन कोरी कशिश भिलाई नगर और उर्दू अदब से जुड़े गजलकार आलोक नारंग दुर्ग का सम्मान किया गया। इस अवसर पर कला परंपरा के अध्यक्ष डॉक्टर डीपी देशमुख,अफसाना निगार शायर रौनक जमाल और साहित्य सृजन परिषद भिलाई के अध्यक्ष एनएल मौर्य विशेष रूप से उपस्थित थे।
आयोजन में शायर रौनक जमाल बताया कि उन्हें अमेरिका से मानद उपाधि का सम्मान मिला है और जल्द ही वह अमेरिका जा रहे हैं। इस पर उपस्थित लोगों ने उन्हें मुबारकबाद दी। डॉक्टर डीपी देशमुख ने अपनी छत्तीसगढ़ी रचना का पाठ किया। इस मौके पर रायपुर, राजनांदगांव और दुर्ग से आए साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। इनमें एलएन मौर्य, आशा झा, एजाज बशर, इस्माइल आजाद, मुमताज, हाजी ताहिर खान, रौनक जमाल, असलम खान, टीएन कुशवाहा, अंजन कुमार, शचि भवि, मोहम्मद हुसैन, सरवर आलम, अजहर अली, इस्माइल आजाद, रियाज खान गौहर, जितेंद्र कुमार वर्मा, डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी, सुशील यादव, ललिता कोरी, नेहा जयसवाल, डॉक्टर यशवंत, यश सूर्यवंशी, सोनिया सोनी, संध्या जैन, आशा झा, राजकुमार चौधरी, सरवर, सुल्तान और नावेद राजा दुर्गवी सहित अन्य ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. नौशाद अहमद सिद्दीकी ने किया। संचालन नावेद राजा दुर्गवी ने और धन्यवाद ज्ञापन मोहम्मद अबू तारिक ने दिया।