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झूमर व कैंडल जैसे नये उत्पाद भी जुड़े स्वसहायता समूहों के उत्पादों की सूची में

दुर्ग ब्लाक के गांवों के दौरे पर पहुंचे सीईओ ने की तारीफ

गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की स्थिति देखी

 

       दुर्ग। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पाटन में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के अवसर पर गौठानों में रोजगार ठौर के रूप में ग्रामीण आजीविका केंद्र स्थापित करने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे उत्पादों का निर्माण आरंभ करना भी था जो अभी तक शहरों से आते थे और जिन्हें थोड़े प्रशिक्षण के पश्चात् और अपनी हुनरमंदी से ग्रामीण महिलाएं भी बना सकती हैं। खुशी की बात यह है कि जिले में ऐसे प्रयोग अधिकाधिक गौठानों में एवं ग्राम पंचायतों में हो रहे हैं। आज जिला पंचायत सीईओ श्री एस.आलोक ने विभिन्न ग्राम पंचायतों का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की भी मानिटरिंग की। सीईओ को बोड़ेगांव की स्वसहायता समूह की महिलाओं ने झूमर, मोमबत्ती कैंडल, राखी जैसे उत्पाद दिखाये। सीईओ ने इसकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अपने लाभ का दायरा बढ़ाना है तो उत्पादों के वैविध्य को बढ़ाना होगा। सबसे पहले ऐसे उत्पाद चुने जिनकी मांग बाजार में काफी अधिक है। जिन्हें थोड़े से प्रशिक्षण के पश्चात बनाया जा सकता है। साथ में अगर इसमें अपना हुनर जोड़ देंगे तो सोने पर सुहागा जैसी स्थिति होगी। रवेलीडीह की ज्योति स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने पापड़, बड़ी अचार जैसे उत्पाद सीईओ को दिखाये। सीईओ ने कहा कि बाजार में जो ब्रांडेड अचार या खाद्य सामग्री आती है उसका एक ही तरह का स्वाद होता है और वे महंगे भी होते हैं क्योंकि उद्योग से ग्राहक तक पहुंचने में बहुत सा चैनल होता है। इस वजह से इसकी कीमत बढ़ जाती है। ऐसे में यदि आप लोग अलग तरह से चीजों को बनायें। इसकी गुणवत्ता पर मेहनत करें और नानी दादी के द्वारा सीखे नुस्खों पर काम कर खाद्य सामग्री बनाएं तो आप लाजवाब चीज बनाएंगे ही और आपके लिए बड़ा बाजार बन जाएगा।

       सीईओ ने जनपद पंचायत दुर्ग के ग्राम पंचायत अरसनारा, बोडेगांव, रवेलीडीह और नंदकट्टी, ग्राम पंचायत का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने नरवा, गरवा, घुरवा, बाडी योजना के अंतर्गत, ग्राम पंचायतों की गुणवत्ता एवं रख रखाव की जानकारी ली साथ ही समझाईश दी गई कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत प्रत्येक गौठान समितियों द्वारा गोबर का क्रय किया जाना है, जिसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करें कि अधिक से अधिक मात्रा में गोबर इकट्ठा करें। राज्य सरकार द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार गौठान समिति के लिए पशुपालक अथवा गोधन मित्र/सखी अथवा स्व-सहायता समूह को बैंक के खाते के माध्यम से से भुगतान किया जायेगा एवं गोधन न्याय योजना को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से गोधन न्याय योजना में समस्त खातों का संचालन सहकारी बैंक के माध्यम से किया जावेगा। पशुपालक, गोधन मित्र/सखी, स्व सहायता समूह के भुगतान गौठान समिति द्वारा किया जाना है।

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