Humans will stay on Mars for 500 days Nasa has finalized the date
रिपोर्ट के अनुसार, नासा इस दशक में इंसानों को फिर से चंद्रमा पर पहुंचाना चाहती है और अगले दशक में वह मंगल ग्रह को टार्गेट करेगी। चंद्रमा पर इंसानों को भेजकर नासा मंगल ग्रह से जुड़ी तैयारियां भी पूरी करेगी। मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं टटोलने और कई दूसरे प्रयोग करने के लिए वहां एस्ट्रोनॉट को भेजने का प्लान है।
रिपोर्ट के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण भी करीब 4.6 अरब साल पहले हुआ था, जब सौर मंडल के बाकी सारे ग्रह बने। शुरुआत में मंगल काफी हद तक पृथ्वी जैसा था। इसकी जमीन पर महासागर थे। झीलें और नदियां थीं। समय के साथ हालात बदल गए और मंगल ग्रह वीरान हो गया।
मौजूदा वक्त में मंगल पर ऐसा वायुमंडल भी नहीं है, जहां इंसान जिंदा रह सके। हालांकि यहां जमा हुआ पानी हो सकता है। मंगल ग्रह की सतह के बारे में भी वैज्ञानिकों ने काफी जानकारी जुटाई है। इसके बावजूद कई खूबियां का पता तभी चल पाएगा, जब साइंटिस्ट वहां पहुंचेंगे।
मंगल ग्रह की भौगोलिक संरचना इसके उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में अलग-अलग है। मंगल की सतह का लगभग एक तिहाई हिस्सा 2 से 4 मील की ऊंचाई पर है। वहां कुछ गड्ढे भी हैं। मंगल ग्रह पर कुछ बहुत बड़े ज्वालामुखी हैं। वैज्ञानिक इन्हें भी जांचना चाहते हैं।