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भाजपा को किसानों की नहीं बल्कि अडानी अंबानी जैसे चंद पूंजीपतियों की चिंता
भाजपा के किसान महापंचायत पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
भात पर बात और खेत सत्याग्रह की तरह ही असफल होगी किसान महापंचायत
मोदी के मंत्री किसानों को कृषि बिल के फायदे बताने में असफल हो गए
रायपुर। भाजपा के किसान महापंचायत पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के किसान महापंचायत का हश्र भी भात पर बात और खेत सत्याग्रह की तरह ही होगा।किसानों के आगे भाजपा का झूठ प्रपंच का प्रोपोगंडा नही चलेगा। छत्तीसगढ़ के किसान भाजपा के किसान विरोधी चाल चरित्र और चेहरा को पहचानती है।रमन भाजपा की सरकार में किसानों के साथ वादाखिलाफी हुआ अत्याचार हुआ था। रमन सरकार के दौरान रोज 4 किसान आत्महत्या कर लेते थ।किसानों को वादा अनुसार धान की कीमत प्रति क्विं 2100रु और 300 रु बोनस प्रति क्विं नहीं दिया। किसानों के जलाशय को पूंजी पतियोंं को बेचा गया। खेत के लिए पानी मांगने वाले किसानों के ऊपर लाठियां बरसती थी। मोदी भाजपा की सरकार नेे भी 7 साल में किसानों से किए वादेे को पूरा नहीं किया बल्कि किसान विरोधी तीन काले कानून लाकर किसानों को गुलामी की ओर धकेलने की साजिश और षडयंत्र रचने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किसान विरोधी तीन काले कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं।मोदी सरकार के मंत्री किसानों के साथ कई बैठक कर चुके है लेकिन किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाए है मोदी के मंत्री शाह तोमर गोयल किसानों को बिल के फायदे बताने में असमर्थ और असहाय नजर आए हैं।किसानों के सवालों का जवाब देने से मोदी के मंत्री बचते रहे हैं।
धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान भाजपा के 9 सांसद को ढूंढ रहे हैं अब उनके घरों में जाकर घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं और पूछेंगे कि जो मोदी भाजपा ने किसानों को स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य और 50% अतिरिक्त प्रॉफिट देने का वादा किया था उसका क्या हुआ? किसानों की आय दोगुनी करने का नारा लगाने वाले अब किसानों को चंद पूंजीपतियों के हाथों की कठपुतली गुलाम क्यों बनाना चाहते हैं ? किसानों के उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से मोदी भाजपा की सरकार क्यो भाग रही है?इन सारे सवालों का जवाब भाजपा को किसानों को देना पड़ेगा किसानों के आक्रोश को देखते हुए भाजपा के नेता किसानों के सामने जाने से डर रहे हैं छत्तीसगढ़ के किसान भी भाजपा नेताओं का इंतजार कर रही है।
किसान आंदोलन के समर्थन में पूरा देश एकजुट खड़ा हुआ है किसानों के समर्थन में खिलाड़ियों से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग मजदूर ट्रांसपोर्टर्स इंजीनियर वकील सहित हर वर्ग खड़ा हुआ हैं।भाजपा हमेशा की तरह चंद पूंजीपतियों के हित के साथ खड़ी हुई है किसान महापंचायत में किसान तो नहीं बल्कि भाजपा के भेष बदलने वाले बहरूपिया जरूर नजर आएंगे जो किसानों के लिए इस बिल को बेहतर बताएंगे छत्तीसगढ़ के किसानों को सचेत और सावधान रहना चाहिए क्योंकि अब किसानों के नाम से झूठ की राजनीति भाजपा करने जा रही है।