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बीएसपी ऑक्सीजन प्लांट-2 के मॉक ड्रिल से डराने वाली फोटो, घायल पहुंचे अस्पताल

  • मॉक ड्रिल अभ्यास के माध्यम से आपदा के दौरान विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की जाँच की जाती है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel Plant) के ऑक्सीजन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन अभ्यास के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। विदित हो कि प्रत्येक विभाग में आकस्मिक आपदा से निपटने हेतु प्रोटोकाल बनाये गए हैं।

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वैधानिक नियमों के अनुसार आपदा प्रबंधन के लिए समय-समय इस प्रोटोकाल के जांच हेतु ऑक्सीजन प्लांट -2 में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है। इस अभ्यास के दौरान बीएसपी के सीआईएसएफ, फायर ब्रिगेड, सुरक्षा अभियांत्रिकी विभाग, एमएमपी-1, सिविल डिफेन्स, मानव संसाधन, पर्यावरण प्रबंधन तथा ऑक्सीजन प्लांट-2 के अधिकारियों व कार्मिकों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।

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ऑक्सीजन प्लांट-2 एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। ऑक्सीजन प्लांट-2 में 2000 टन क्षमता वाले दो लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक हैं। LOX टैंक-1 में तीन LOX वाष्पीकरण पंप हैं और LOX टैंक-2 में चार वाष्पीकरण पंप हैं।
यदि इन टैंकों में किसी प्रकार का रिसाव होता है तो यह ओपी-2 में बड़ी आपदा का कारण बन सकता है। मॉक ड्रिल अभ्यास के माध्यम से आपदा के दौरान विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की जाँच की जाती है।

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LOX टैंक के वाष्पीकरण पंप में ब्रेकडाउन मेंटेनेंस का काम चल रहा था। मैकेनिकल मेंटेनेंस के 4 कर्मी और इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस के 3 कर्मियों का एक समूह LOX टैंक-1 में कार्यरत थे। जी शिफ्ट में करीब 3.30 बजे LOX पंप के ब्रेकडाउन मेंटेनेंस के दौरान लिक्विड ऑक्सीजन का अत्यधिक रिसाव हुआ।

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दो व्यक्ति LOX टैंक-1 क्षेत्र में फंस गए और अन्य बाहर आ गए। अनियंत्रित स्थिति को देखते हुए मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल कर्मियों ने बचाव के लिए आवाज लगाया। LOX टैंक ऑपरेटर ने ओपी-2 के पाली प्रभारी को सूचित किया। पाली प्रभारी, स्थिति का विश्लेषण करने तुरंत पहुंचे और कार्यस्थल पर मौजूद इलेक्ट्रिकल कर्मी को अलार्म बजाने का संकेत दिया गया।

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पाली प्रभारी व सहायक प्रबंधक (ओपी-2, ऑपरेशन) गौरव चौधरी ने प्लांट कंट्रोल, फायर ब्रिगेड, एमएमपी-1, सीआईएसएफ, सेफ्टी कंट्रोल, सिविल डिफेंस को सूचित किया। महाप्रबंधक (ओपी-2) मोहम्मद नदीम खान, महाप्रबंधक (प्रचालन) प्रतिभा ए एच, उप महाप्रबंधक (ओपी-2, मैकेनिकल) रविकांत, सहायक महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल) एनए अंसारी, वरिष्ठ प्रबंधक व विभागीय सुरक्षा अधिकारी एमडी साहू घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को अपने हाथ में ले लिया।
इसके पश्चात मुख्य महाप्रबंधक (उपयोगिताएँ) एके. जोशी भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने में सफल रहे। घायल व्यक्तियों को बाहर निकालकर आवश्यक उपचार हेतु मेन मेडिकल पोस्ट भेजा गया।

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संदीप गर्ग एवं देवी सिंह का भी इस मॉक ड्रिल में योगदान रहा। मॉक ड्रिल की समाप्ति के बाद मुख्य महाप्रबंधक (यूटिलिटीज) एके जोशी और महाप्रबंधक (ओपी-2) पीसी बाग द्वारा, सम्बंधित घटनाक्रम पर चर्चा करने और सभी एजेंसियों को धन्यवाद देने के लिए अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।

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