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साहिबजादे के बलिदान का इतिहास अमूल्य धरोहर: डॉ हरनाम सिंह

भिलाई-स्थानीय श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में वीर बाल दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम अधिकारी दीपक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव के प्राध्यापक एवं दर्शन शास्त्र के विद्वान वक्ता डॉ हरनाम सिंह अलरेजा थे।इस अवसर पर अपने व्याख्यान में उन्होंने सिख पंथ के स्वाधीनता आंदोलन में योगदान की विस्तार से चर्चा की और कहा कि साहेबजादे के बलिदान को हमारा इतिहास सदैव याद रखेगा।धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादे का बलिदान हम सभी को अपने जीवन में न सिर्फ सबक की तरह लेना है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी यह बताना है कि इतनी कम उम्र में इन साहिबजादे ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।शब्द की पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने रोचक प्रसंग सुनाए।डॉ अलरेजा ने कहा यह आयोजन माध्यम है कि सिख धर्म की बलिदान की महान परंपरा से जन झांको अवगत कराएं।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव पी के मिश्रा ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की अद्वितीय बहादुरी और बलिदान की याद में 26 दिसंबर को प्रतिवर्ष वीर बाल दिवस मनाया जाता है,उनकी वीरता का पुण्य स्मरण करना उनके बलिदान को सम्मानित करना है जिसने इतिहास रच दिया त्याग का।

डायरेक्टर डॉ सुशील चंद्र तिवारी ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।कार्यक्रम का संचालन डॉ संजीव कुमार ने किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक तथा शिक्षण विभाग के प्राध्यापक उपस्थित थे।अंत में आभार प्रदर्शन छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ प्राची निमजे ने किया।

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