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खरीफ की तैयारियों की एसीएस ने की समीक्षा, अधिकारी बोले पर्याप्त है खाद-बीज

खरीफ की तैयारियों की एसीएस ने की समीक्षा, अधिकारी बोले पर्याप्त है खाद-बीज

खरीफ में फसलों के वैविध्यकरण एवं मार्केट लिंकेज पर कार्य करने के दिए निर्देश

       दुर्ग। अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री केडीपी राव ने रबी कार्यक्रम की समीक्षा के साथ ही आगामी खरीफ फसल की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खरीफ फसल के लिए जो कार्यक्रम बनाएं, उसमें वैविध्य पर जोर दें। किसानों को दलहन और तिलहन फसलें भी लेने के लिए प्रेरित करें। फसल वैविध्य के साथ किसानों के लिए बाजार की उपलब्धता के संबंध में भी कार्य करें ताकि किसानों को अपनी फसल के अच्छे दाम मिल सके। कमिश्नर श्री दिलीप वासनीकर ने अपर मुख्य सचिव को दुर्ग संभाग के विभिन्न जिलों में कृषि की स्थिति के संबंध में जानकारी दी और बताया कि दुर्ग संभाग द्विफसली क्षेत्र के मामले में प्रदेश में अग्रणी संभाग बना हुआ है और यहां फसल सघनता 148 प्रतिशत दर्ज की गई है। रबी फसल के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन धान एवं दलहनी फसलों के क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि कृषि की दीर्घकालीन तरक्की एवं ग्रामीण विकास के लिए नालों में स्ट्रक्चर बनाने, बाड़ी विकसित करने, गौठान बनाने और बायो वेस्ट मैनेजमेंट के संबंध में कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। उद्यानिकी फसलों के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एप्पल बेर एवं ड्रैगन फ्रूट के विस्तार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। संभाग में उत्पादित शिमला मिर्च, पपीता आदि अन्य प्रदेशों एवं विदेशों में भी निर्यात किए जा रहे हैं। श्री राव ने कहा कि किसानों की तरक्की कृषि में बेहतर तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही कृषि के अनुषांगिक हिस्सों जैसे पशुपालन, मत्स्यपालन और उद्यानिकी फसलें अपनाने से होगी। पशुपालन को संवर्धित करने के लिए नस्ल संवर्धन पर विशेष कार्य करें। गौठानों में पशुधन के संवर्धन के लिए विशेष कार्य करें। नालों के रिचार्ज के साथ ही मत्स्यपालन को भी प्राथमिकता देते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नवाचार की गुंजाइश सबसे अधिक है और जो प्रगतिशील किसान नवाचार अपनाते हैं उन्हें इसका लाभ मिलता है। बैठक में सचिव जल संसाधन श्री अविनाश चम्पावत, आयुक्त मनरेगा एवं संचालक कृषिक श्री भीम सिंह, संचालक पशुधन विकास डाॅ. सी.एस. प्रसन्ना, कलेक्टर दुर्ग श्री अंकित आनंद, राजनांदगांव कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य, बेमेतरा कलेक्टर श्री महादेव कावरे और बालोद कलेक्टर श्रीमती रानू साहू साथ ही संभाग के पांचों जिलों के कृषि समूह के अधिकारी उपस्थित थे। 
किसान सहायता केंद्र में दें मार्गदर्शन
       एसीएस ने कहा कि जिलों में कार्य करने वाले किसान सहायता केंद्र खरीफ फसल के लिए किसानों को हर संभव मार्गदर्शन प्रदान करें। वरिष्ठ अधिकारी इनकी मानिटरिंग करते रहें ताकि इन्हें अधिक उपयोगी बनाया जा सके। साथ ही किसानों से आने वाले फीडबैक पर भी काम करें ताकि किसानों को विभागीय योजनाओं का बेहतर लाभ दिलाया जा सके। 
खाद-बीज की कमी नहीं
       एसीएस ने अधिकारियों से खाद-बीज की उपलब्धता की जानकारी भी ली। अधिकारियों ने बताया कि खाद-बीज की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि खाद-बीज की स्थिति की निरंतर मानिटरिंग करें। इस संबंध में किसी भी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत पहल करें ताकि किसानों को किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
किसानों की आय बढ़ाने करें कार्य
       एसीएस ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने शासन ने जो कार्यक्रम निर्धारित किया है उसके अनुरूप कार्य करें। यह समग्र कार्यक्रम है जिसमें पशुधन के संवर्धन के साथ खेती की बेहतरी की दिशा में काम किया जाना है।

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