इस सत्र से छह नये इंग्लिश मीडियम स्कूल होंगे आरंभ
कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने पाटन में देखे नये इंग्लिश मीडियम स्कूलों के लिए अपग्रेडेशन का कार्य, कमियों को तेजी से पूरा करने दिये निर्देश
जिले में अब 16 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल
दुर्ग। प्राइवेट स्कूलों की तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर और इससे बेहतर गुणवत्ता की अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से आरंभ किये गये स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का दायरा जिले में और बढ़ गया है। पिछले सत्र में ऐसे दस स्कूलों में पढ़ाई हुई थी, इस बार छह नये स्कूल जुड़े हैं और स्कूलों की संख्या 16 हो गई है। नये सत्र की तैयारियों के लिए स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है तथा नये कक्षों की जरूरतों के मुताबिक अतिरिक्त कक्ष बनाये जाने की योजना भी बनाई गई है। इन सब तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे आज पाटन ब्लाक के उन स्कूलों में पहुँचे जहाँ इंग्लिश मीडियम स्कूल आरंभ होने हैं। कलेक्टर ने आज सेलूद, जामगांव आर, जामगांव एम तथा रानीतराई के स्कूल देखे। यहाँ पर उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट करने के सुझाव दिये। कलेक्टर ने कहा कि पिछले सत्र में जिस तरह से स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है उसके अनुरूप यहाँ भी कार्य करें ताकि यह स्कूल हर मायने में बेहतर मानदंड स्थापित करें। उन्होंने कहा कि यदि अतिरिक्त कक्षों की आवश्यकता होती है तो इसके लिए प्लान करें। बच्चों को प्लेग्राउंड, स्पोर्ट्स कार्नर आदि के लिए भी काम करें ताकि बच्चों के व्यक्तित्व का समग्र विकास हो सके। इसके अलावा बड़ी कक्षाओं वाले छात्र-छात्राओं के लिए साइंस लैब की बेहतर व्यवस्था भी होनी चाहिए। लाइब्रेरी हवादार हो, पर्याप्त लोगों के बैठने और अध्ययन की सुविधा हो। किताबों का चयन अच्छा हो ताकि बच्चों की रुचि भी पढ़ने में जगे और इनसे उनके ज्ञान का भी निरंतर विस्तार होता रहे। उन्होंने डीईओ श्री प्रवास सिंह बघेल से पिछले सत्र में और इस सत्र में एडमिशन की स्थिति की जानकारी भी ली। कलेक्टर ने यहाँ प्राचार्यों को कहा कि आप जितना बेहतर नवाचार करना चाहें उसके सुझाव दे सकते हैं। इंजीनियर के साथ बैठकर इसका प्लान कर लें। हमारा उद्देश्य यह है कि हम सबसे अच्छी शिक्षा बच्चों को उपलब्ध कराएं। इस दौरान अपर कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चैधरी, जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक, सहायक कलेक्टर श्री हेमंत नंदनवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पिछले सत्र में बच्चों की दर्ज संख्या काफी अच्छी- डीईओ श्री प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि पिछले सत्र में बच्चों का एडमिशन काफी अच्छा रहा है। हर स्कूल में 500 से अधिक छात्र-छात्रा पढ़ रहे हैं। इन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने विशेष रूप से शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। सिलेबस पूरा करने के संबंध में, बच्चों का नये माध्यम से बेहतर समन्वय स्थापित करने रणनीति बनाने लगातार समीक्षा होती रहती है इसके अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।
बायोडायवर्सिटी पार्क में ओपन थियेटर भी बनेगा, लोटस पांड की तरह विकसित होगा सरोवर, बोटिंग की सुविधा भी
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने किया तालपुरी स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क का निरीक्षण
प्रकृति प्रेमियों के लिए सबसे सुंदर जगह बनाने कवायद तेज
दुर्ग। कल्पना कीजिए कि आप ऐसी जगह पर हों जहाँ पूरी तरह कमल से घिरा सरोवर हो, उसके ठीक बगल से बने ओपन थियेटर में कालिदास के सुंदर नाटक ऋतुसंहार का दृश्यांकन हो रहा हो, पक्षियों की चहचहाहट बैंकग्राउंड के म्यूजिक की तरह हो तो यह बिल्कुल जन्नत सा दृश्य लगता है। यह जन्नत अब हकीकत की सतह पर उतरने वाला है। बायोडायवर्सिटी पार्क में यह सारी सुंदरताएं आने वाले कुछ समय में नजर आएंगी। आज कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने आज तालपुरी स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क का निरीक्षण किया और इन सबकी प्लानिंग की गई। इस दौरान अपर कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चैधरी एवं जिला पंचायत सीइओ श्री सच्चिदानंद आलोक भी मौजूद थे। 250 एकड़ में फैले इस बायोडायवर्सिटी पार्क में वेटलैंड की वजह से अनेक प्रवासी पक्षियों का बसेरा भी होगा। हजारों पेड़ों की छाँव के बीच पाथवे में घूमते हुए लोग अपने को बिल्कुल प्रकृति के नजदीक पाएंगे।
पैराडाईज फ्लाई केचर, ग्रेहाॅर्नबिल और व्हिसलिंग डक्स जैसे पक्षियों की होगी बसाहट-
डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने बताया कि पक्षियों की बसाहट के लिए तथा उनकी ब्रीडिंग के लिए पूरे सरोवर में फेंसिंग कराई जा रही है और पार्क में ओपन थियेटर और तालाबों में बोटिंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने एक तालाब को लोटस पांड के रूप में विकसित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि यह शानदार वेटलैंड है और स्वाभाविक तौर पर यह पक्षियों के लिए बेहतर बसावट बनेगा। भविष्य में यह पार्क पैराडाईज फ्लाई केचर, ग्रेहाॅर्नबिल और व्हिसलिंग डक्स जैसे पक्षियों का आशियाना बनेगा। उन्होंने बताया तालाब में जलकुंभी साफ करने का कार्य किया जा रहा है।
लैंडमार्क लगाए जाएंगे-
कलेक्टर ने कहा कि यह काफी बड़ा पार्क है और यहां देखने के लिए दर्शकों को देखने के लिए काफी कुछ है रास्ते में लैंडमार्क लगा दिए जाएं तथा सामने ही रोडमैप रख दिया जाए तो लोगों को आसानी होगी।
मेमोरियल काॅर्नर की प्रशंसा की-
कलेक्टर ने इस पार्क में मेमोरियल काॅर्नर की विशेष रूप से प्रशंसा की उन्होंने कहा कि लोगों ने यहां अपने प्रियजनों की स्मृति में पौधे लगाए हैं तथा भविष्य में भी यहां वे पौधे लगाएंगे। इस तरह से लोगों को प्रकृति से भावनात्मक रूप से जोड़ने यह पहल बहुत प्रशंसनीय है। मेमोरियल काॅर्नर बताता है कि प्रकृति की रक्षा कर ही हम अपने अस्तित्व की रक्षा भी कर सकते हैं।
हाल ही में हुआ था सघन पौधरोपण-
उल्लेखनीय है कि बायोडायर्वसिटी पार्क पहले ही विविध प्रजातियों के पेड़ों को लेकर काफी समृद्ध क्षेत्र रहा है। हाल ही में यहां सघन पौधरोपण भी किया गया। यह पौधरोपण यहां बायोडायर्वसिटी को और भी समृद्ध करेगा। वेटलैंड का जिस तरह से यहां विकास किया जा रहा है उसके मुताबिक पौधे लगने से पक्षियों के लिए यह क्षेत्र आशियाने के रूप में बेहतर तरीके से विकसित हो सकेगा।
कौही लिफ्ट इरीगेशन योजना पर काम तेजी से, योजना के पूरे होने पर नौ गाँवों को खरीफ और रबी फसल के लिए 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में मिल सकेगा पानी
1500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए तैयार की गई थी कौही लिफ्ट इरीगेशन योजना, केवल
200 हेक्टेयर में होती थी सिंचाई, 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए किया जा रहा अपग्रेड
दुर्ग। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिले में सिंचाई का दायरा बढ़ाने लिफ्ट इरीगेशन योजनाओं को संजीवनी प्रदान करने निर्देश दिये थे। इसके बाद जिले में तेजी से लिफ्ट इरीगेशन योजनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ हुआ है। ग्राम कौही में लिफ्ट इरीगेशन योजना इसी क्रम में विकसित की जा रही है। 1986 में यह योजना आरंभ हुई थी और उस समय इसका उद्देश्य 1500 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए था। जीर्णोद्धार की दरकार में लिफ्ट इरीगेशन अपनी पूरी क्षमता से नहीं हो पाया और केवल कौही गाँव में 200 हेक्टेयर में ही सिंचाई हो पाती थी। अब इसे पुनः संजीवनी दी जा रही है। जीर्णोद्धार पूरा होने के बाद यहाँ 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज इस योजना की प्रगति का निरीक्षण किया। जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री सुरेश पांडे ने बताया कि इस योजना से नौ गाँवों में सिचाई हो सकेगी। इन गाँवों में कौही, बोरेंदा, जरवाय, केसरा, खम्हरिया, डंगनिया, तरीघाट, सोनपुर एवं सिपकोना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए 4 करोड़ 33 लाख रुपए शासन द्वारा स्वीकृत किये गए थे। इसमें पांच वीटी पंपों के साथ ही इंटेक वेल, पंप हाउस बनाने का एवं संपूर्ण नहर प्रणाली का लाइनिंग कार्य शामिल है। कार्यपालन अभियंता ने बताया कि इस योजना के माध्यम से खरीफ में तो खेती होगी ही, रबी फसल के लिए भी पानी दे पाना संभव होगा। कलेक्टर ने तय समय में निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिये ताकि इसका जल्द से जल्द लाभ ग्रामीणों को मिल सके। इस दौरान श्री अशोक साहू उपाध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री आशीष वर्मा और एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
नाईट कफ्र्यू का उल्लघंन कर घूमने वालों 437 वाहन चालको के विरूद्ध यातायात पुलिस दुर्ग की कार्यवाही
दुर्ग। कोरोना महामारी को फिर से बढ़ने से रोकने के लिए जिला दण्डाधिकारी डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे द्वारा जिले में शाम 06ः00 बजे से प्रातः 06ः00 बजे तक पूर्ण लाॅकडाउन लगाया गया है। लाॅकडाउन का आम नागरिकों से पालन कराने के लिए श्री प्रशांत ठाकुर, पुलिस अधीक्षक, दुर्ग के निर्देश में श्री कविलाश टंडन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) के मार्ग दर्शन में एवं श्री गुरजीत सिंह, उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) के नेत्वृत में यातायात पुलिस दुर्ग द्वारा शाम 06ः00 बजे के बाद घूमने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध 32 फिक्स पाइंट लगाकर कार्यवाही की गई जिसमें यातायात पुलिस की 16 पाइंट एवं थाना के 16 फिक्स पाइंट बनाया गया है। पुलिस की कार्यवाही शाम 06ः00 बजे से रात्रि 12ः00 बजे तक जारी रहा जिसमें केवल इमरजेंसी सेवा वाले वाहन के आवागमन में छूट दिया गया एवं कुल-376 वाहन चालको के विरूद्ध मोटर व्हीकल एक्ट की कार्यवाही की गई तथा 61 ऐसे भी लापरवाह लोग मिले जो बिना मास्क के घूमते पाये गये जिनके उपर महामारी एक्ट के तहत कार्यवाही किया गया। आगामी दिनांे में पुलिस द्वारा यह कार्यवाही और सख्त किया जायेगा।
अपील एवं चेतावनी –
यातायात पुलिस दुर्ग शहर के आम नागरिको से अपील करती है कि वर्तमान में दुर्ग जिले के अंतर्गत कोरोना महामारी का प्रकोप कम हुआ लेकिन अभी कोरोना पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ है। इसलिए शासन द्वारा दिये गये निर्देशो का पालन करें बिना मास्क के बाहर न निकले आवश्यक होने पर घर से बाहर निकले और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें।
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित दुर्ग में हेतु आवेदन आमंत्रित
दुर्ग। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित दुर्ग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में ऋण वितरण हेतु राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम की विभिन्न योजनाओं में अनुसूचित जनजाति के युवाओं को कृषि, उद्योग, सेवा, परिवहन क्षेत्रों के संभावित व्यवसायों हेतु ऋण दिए जाने का प्रस्ताव है। इस हेतु इच्छुक आवेदक अपना आवेदन 10 जून तक कार्यकालीन दिवस में जमा कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी हेतु दूरभाष क्रमांक 0788-2323450 एवं जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित कलेक्टर परिसर दुर्ग में संपर्क कर सकते हैं।
रेडी-टू-ईंट फूड प्रदाय करने हेतु स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों से दावा-आपत्ति आमंत्रित
दुर्ग। जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग (ग्रामीण) एवं जामगांव (एम) के विभिन्न सेक्टर्स में रेडी-टू-ईंट फूड प्रदाय करने हेतु स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। प्राप्त आवेदन पत्रों का परीक्षण कर सेक्टरवार सूची तैयार की गई है। इस सूची का अवलोकन जिले की वेबसाईट ूूूण्कनतहण्हवअण्पद में किया जा सकता है। परियोजनाओं के संबंधित सेक्टर्स में आवेदन करने वाले महिला स्व-सहायता समूहों को इस संबंध में यदि कोई दावा-आपत्ति है तो 06 जून 2021 तक संबंधित परियोजना कार्यालयों अथवा जिला कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग, दुर्ग में सक्षम प्रमाण सहित प्रस्तुत कर सकते हैं।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक 1 जून को
दुर्ग। सड़क प्रयोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे द्वारा जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति के कार्यों की समीक्षा एवं नवीन एजेंडा पर चर्चा हेतु बैठक 1 जून को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई है।