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Employees Pension Scheme 1995: युवा कर्मियों का जोर पेंशन नहीं वेतन संशोधन पर, यूनियनों से उठा विश्वास

  • ट्रेड यूनियनों ने वह विश्वास खो दिया है, जो उन्होंने पहले अर्जित किया था।
  • यूनियनों द्वारा अतीत में की गई गलतियों के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: ईपीएस 95 पेंशन को लेकर एफसीआई के कार्मिक परेशान हैं। केंद्र सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Pension– EPFO) से मायूस पेंशनभोगी बोल रहे-एफसीआई (FCI) का कर्मचारी वर्ग सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सहायता देने की आवश्यकता क्यों महसूस नहीं करता…। आज हर किसी के मन में यह सवाल है….। वे भविष्य में होने वाले नुकसान से अनजान क्यों हैं….क्या किसी के पास इसका कोई जवाब है?

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पेंशनर अनिल कुमार नामदेव ने कहा-मौजूदा कर्मचारियों के पास अपनी मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियनें हैं। कर्मचारी वर्ग ज्यादातर यूनियनों पर निर्भर करता है कि उनके हितों की रक्षा यूनियन नेताओं द्वारा की जाएगी। आजकल कर्मचारी वर्ग नई पीढ़ी से भरा हुआ है, जो अपने हितों का विश्लेषण करने में सक्षम है।

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वे वर्तमान में पेंशन की तुलना में बेहतर वेतन संशोधन को प्राथमिकता देते हैं। अब कर्मचारी वर्ग उच्च पेंशन की मांग के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ क्यों नहीं है, इसका एक कारण यह भी है कि मौजूदा ट्रेड यूनियनें सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मदद करने के लिए आगे आना जरूरी नहीं समझती हैं।

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जो यूनियनों के सदस्य थे और अपने पूरे सेवाकाल में ट्रेड यूनियन के लिए योगदान करते रहे हैं। इसके विपरीत ट्रेड यूनियनों ने वह विश्वास खो दिया है, जो उन्होंने पहले अर्जित किया था…क्योंकि उनके द्वारा अतीत में की गई गलतियों के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है।

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श्रमिक वर्ग कई यूनियनों में बंटा हुआ है और युवा पीढ़ी ने आज की तारीख में काम कर रहे पारंपरिक यूनियनों से खुद को दूर रखते हुए अपनी समझ बनाई है। अनिल नामदेव कहते हैं कि मेरे विचार से ऐसे कई अन्य कारण हैं जिनकी वजह से श्रमिक बल भारतीय खाद्य निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नहीं चल पा रहा है।

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