R.O. No. : 13047/ 53
छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

शासन के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण मंडल की कार्यवाही

दीपावली एवं अन्य पर्वों में सीमित समय के लिए ग्रीन पटाखों के उपयोग पर दिया जोर

       दुर्ग। नेशनल ग्रीन ट्रिव्युनल, प्रिसिपल बेंच, नई दिल्ली द्वारा पटाखों के उपयोग के संबंध में पारित आदेश के परिपालन में इस वर्ष दीपावली के दिन पटाखें फोड़ने के लिये रात 08,00 बजे से 10.00 बजे तक का समय सीमा निधारित किया गया। अन्य पर्वों  जैसे- छठ पूजा – प्रातः 06ः00 बजे से प्रातः 08ः00 बजे तक गुरू पर्व रात्रि 08ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक नया वर्ष/ क्रिसमस – रात्रि 11ः55 बजे से 12ः30 बजे तक ही पटाखे फोड़े जाने का समय तय किया गया है। इसका पालन करने हेतु कड़ी निगरानी किया जाना है। कम उत्सर्जन करने वाले इम्प्रुव्ड एवं हरित पटाखों का निर्माण एवं विक्रय किया जाना है। इसके अतिरिक्त अन्य पटाखों के उत्पादन एवं विक्रय पर रोक लगाया जाना है।

       छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई के क्षेत्रीय अधिकारी से मिली जानकारी अनुसार पटाखों के उपयोग के संबंध में अन्य निर्देश माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन (सिविल) क्रमांक 728/ 2015 श्री अर्जून गोपाल विरूद्ध युनियन ऑफ इंडिया में पारित आदेश के परिपालन में सीरीज पटाखे अथवा लड़ियो के विक्रय, उपयोग एवं निर्माण को प्रतिबंधित करना है। केवल उन्ही पटाखों को विकय किया जाना है जिसका ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा (125 डेसीबल) के भीतर हो। आनलाईन अर्थात ई- व्यापारी वेबसाईटों जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि से पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई है। माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुसार कम्युनिटी फायर क्रेकिंग के लिये नगरीय निकायों को अपने अधिकार क्षेत्र में एक उपयुक्त स्थल का निर्धारण शीघ्र कर आम जनता को उक्त स्थल की जानकारी आवश्यक रूप से दिया जाना सुनिश्चित करना होगा। पटाखों का बहुतायत में उपयोग होने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण बिमारियों के घातक रूप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों के संबंध मे व्यापक स्तर पर जनजागरूकता का प्रयास जारी है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल, भिलाई द्वारा दीपावली के अवसर पर शहर में परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन का कार्य किया जा रहा है, जिसे पूर्ण करने के उपरांत मण्डल मुख्यालय के माध्यम से केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नई दिल्ली को प्रेषित की जाएगी।

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