रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर और जय जवान आंदोलन के प्रदेश संयोजक अभिषेक कसार ने कहा कि केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के बहाने 1.5 लाख से अधिक युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है। इन युवाओं को सेना में भर्ती के लिए पहले से चयनित किया गया था, लेकिन सरकार ने आज तक उन्हें ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया है।
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी जी ने उन युवाओं से मुलाकात की जो अपनी भर्ती का इंतज़ार कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा लाखों युवाओं और हमारी सेना के साथ हुए अन्याय के खिलाफ़ राहुल जी 31 जनवरी को बिहार की धरती से “जय जवानः अन्याय के विरुद्ध न्याय का युद्ध” आंदोलन की शुरुआत की है।
1.5 लाख चयनित अभ्यर्थियों के साथ अन्यायः
सेना बलों में भर्ती के लिए 2019 से 2022 के बीच पहले से चयनित लगभग 1.5 लाख युवाओं को ज्वाइनिंग से वंचित कर दिया गया। इनमें एयरफोर्स के 7,000 युवा शामिल थे, जिन्होंने अपनी सारी प्रक्रिया पूरी कर ली थी और केवल ज्वाइनिंग लेटर की प्रतीक्षा में थे।इन भर्तियों को अग्निपथ योजना के तहत रद्द कर दिया गया, जिसमें नर्सिंग असिस्टेंस आर्मी (मेडिकल कोर) के लगभग 2,500 नर्सिंग असिस्टैंट्स भी शामिल थे, जिन्हें भर्ती के बाद ज्वाइनिंग लेटर का इंतजार था।2019 से 2021 के बीच आर्मी में की गई लगभग 97 भर्तियां भी रद्द की गईं, जिससे युवाओं से एकत्रित किया गया लगभग 100 करोड़ रुपए का शुल्क भी अनुत्तरित रह गया। देश के करोड़ों युवा, जो देश के लिए मर मिटने और भारतीय सेना में सेवा करने के लिए तैयार हैं, उनका भविष्य अग्निपथ योजना के कारण अंधेरे में पहुंच गया है। भाजपा की राजनीतिक चालबाजियों ने इन युवाओं की मेहनत और आशाओं को नष्ट कर दिया है।
अग्निपथ योजनाः
भाजपा सरकार द्वारा अग्निपथ योजना की शुरुआत ने सैन्य सेवा के पथ को बाधित करने के साथ ही हमारे युवाओं और रक्षा बलों के भविष्य पर गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। भारतीय सेना, जो हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता की प्रतीक है, इस योजना से प्रभावित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को केवल चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और फिर उनमें से अधिकांश को सेवामुक्त कर दिया जाएगा, जिससे वे फिर से बेरोजगारी की स्थिति में आ जाएंगे।अग्निपथ योजना हमारे सुरक्षा बलों के शौर्य, पराक्रम और अटूट समर्पण के मूल सिद्धांतों पर हमला है। यह केवल सैन्य संरचना का परिवर्तन नहीं है, बल्कि हमारे राष्ट्र की अस्मिता और स्थायी विरासत को खतरे में डाल सकती है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि इस तानाशाही फ़रमान के ख़लिफ़ सामूहिक रूप से अपनी असहमति व्यक्त करें और राष्ट्र की रक्षा प्रणाली की पवित्रता को संरक्षित करें।
अग्निपथ योजना के नुकसानः
1 कम वेतन और सम्मान का अभावः
a. अग्निपथ में चयनित युवाओं को रेगुलर सेना के जवानों से कम वेतन मिलता है (कुल मासिक तनख्वाह केवल 21 हजार रुपए के आस-पास है, जबकि रेगुलर सैनिकों को 45 हजार रुपए होते हैं)।
b. इन युवाओं को ’डियरनैस अलाउंस’ और ’मिलिट्री सर्विस पे’ की भी सुविधा नहीं मिलती।
c. शहीद होने के बाद भी उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिलता, जिसके परिणामस्वरूप उनके परिवार को वह सहयोग और सहारा राशि नहीं मिलती, जो एक रेगुलर सेना के जवान को मिलती है।
d.उदाहरण के तौर पर, एक रेगुलर सेना के जवान को 15 साल तक पूरे पे मिलते हैं और उनकी पेंशन उनकी ताउम्र तक मिलती है, जबकि अग्निपथ में चयनित युवा के परिवार को इसका लाभ तब मिलता है, जब तक पत्नी और माता-पिता जीवित रहते हैं।
e. अग्निपथ में चयनित युवा किसी भी प्रकार के चिकित्सा और अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं, जो रेगुलर सेना के जवानों को मिलता है, जैसे कि :
1 15 साल तक फुल पे मिलती तथा रिटायरमेंट उम्र आने पर यह पे, उसकी फैमिली पेंशन में तब्दील हो जाती, जो कि ताउम्र उसके परिवार को मिलती रहती, जब तक पत्नी व माता-पिता जीवित रहते है।
2 आम सैनिक की शहादत पर दिए जाने वाले 75 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलता है।
3 55 लाख रुपए एक्स-ग्रेशिया अमाउंट जितनी राशि मिलती है।
4 मेडिकल फैसिलिटी मिलती है।
5 CSD फैसिलिटी मिलती है।
6 सभी तरह के मिलिट्री बेनेफिट जो सरकार कभी भी अनाउंस करती, वह मिलता है।2. चार साल बाद भी फिर से बेरोजगारी का सामनाः
a. अग्निपथ में चयनित युवाओं को स्थाई नौकरी की गारंटी नहीं होती, जिसके कारण उन्हें असुरक्षित महसूस करना पड़ता है।
b. पहले की नियुक्तियों को खारिज़ किया जानाःअग्निपथ के आने के बाद पूर्व की भर्ती प्रक्रिया से चयनित उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग देने से मना किया जाता है, जिनकी संख्या 1.5 लाख है।
3. अग्निवीर को ’रिटायरमेंट’ के बाद यह नहीं मिलेगाः
a. ग्रेच्युटी, मेडिकल फेसिलिटीज़, पेंशन, कैंटीन फैसिलिटी, पूर्व सैनिक का दर्जा, पूर्व सैनिकों और उनके बच्चों के लिए आरक्षित वैकेंसी, बच्चों को छात्रवृत्ति और कोई भी मिलिट्री बेनिफिट, जो सरकार कभी भी रेगुलर सैनिकों के लिए अनाउंस करेगी, वह सब नहीं मिलेगा।
4. करिअर के अवसर की कमीः
a.आरटीआई के अनुसार, 2022-23 में आवेदन करने वालों की संख्या 34 लाख थी, जो 2023-24 में 10 लाख के करीब हो गई है। इसका स्पष्ट संकेत है कि युवाओं का सेना की ओर रुझान अब घट रहा है।
b.हाल के दिनों में यूपी कांस्टेबल की भर्ती में 50 लाख से भी अधिक आवेदन किए गए हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 4 साल के अग्निवीर बनने की जगह, वे दूसरे क्षेत्रों में रोजगार की खोज कर रहे हैं।
जय जवान आंदोलनः अन्याय के विरूद्ध, न्याय का युद्ध
श्री राहुल गांधी जी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान युवाओं से मुलाकात की, जो आज अपनी भर्ती का इंतज़ार कर रहे हैं, और उनकी पीड़ा को सुनी। राहुल जी ने इन युवाओं के साथ बातचीत की और वादा किया कि हम सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे को उठाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा लाखों युवाओं और हमारी फ़ोर्सेज़ के ख़लिफ़ हुआ अन्याय के विरुद्ध, राहुल गांधी जी ने 31 जनवरी को बिहार की धरती से “जय जवान“ आंदोलन की शुरुआत की है।
जय जवान आंदोलन की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैंः
1 चयनित अभ्यर्थियों की तत्काल सेना में जॉइनिंग : हम मांग करते हैं कि 1.5 लाख युवाओं, जिन्हें आर्मी, एयरफोर्स, और नेवी में चयनित किया गया है, उन्हें बिना किसी विलंब के उनकी जॉइनिंग प्रदान की जाए। विशेष रूप से, जिन 7,000 युवाओं को एयरफोर्स में और 2,500 नर्सिंग असिस्टेंट को आर्मी में जॉइनिंग नहीं मिली, उन्हें तुरंत सेवा में शामिल किया जाए। इन युवाओं को उचित सम्मान और आयु सीमा में उचित छूट भी प्रदान की जानी चाहिए।
2 अग्निपथ योजना की तत्काल समाप्ति : हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अग्निपथ योजना को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। इस योजना ने युवाओं के बीच अनिश्चितता और निराशा का माहौल पैदा किया है। हमारी मांग है कि सरकार द्वारा पहले लागू की गई पुरानी और स्थायी भर्ती प्रक्रिया को पुनः लागू किया जाए, जिससे युवाओं को निश्चिंतता और सुरक्षित भविष्य प्राप्त हो सके।
यह संघर्ष मात्र 1.5 लाख से अधिक चयनित युवाओं का नहीं है, जिन्हें सरकार ने न्याय से वंचित किया है, बल्कि यह हर वो युवा के लिए है जो सेना में सेवा करने का सपना देखता है। यह उन सभी युवाओं के लिए न्याय की लड़ाई है।
हम सभी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य, इस अन्याय के खिलाफ़ खड़े हैं और युवाओं के सपनों और भारत की सैन्य विरासत की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस अन्याय के खिलाफ न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे। इस अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई में आपका समर्थन और भागीदारी इस तानाशाह सरकार को “न्याय“ दिलाने के लिए मजबूर करेगी। इस अभियान को तीन चरणों में व्यापक रूप से आयोजित किया जा रहा है, जो 31 जनवरी से लेकर 20 मार्च तक चलेगा।
पहला चरणः संपर्क
लक्ष्यः देशभर में 30 लाख परिवारों तक यात्रा पहुँचाना
समयसीमाः 28 फरवरी तक
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा “न्याय पत्र“ (एक फॉर्म और लीफलेट के साथ) को रक्षा परिवारों (वर्तमान/पूर्व) और सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं से संपर्क करके उन्हें इस आंदोलन से जुड़ने और समर्थन देने के लिए मांग करना है।
नोटः “न्याय पत्र“ को परिवारों द्वारा उनके हस्ताक्षर के साथ भरा जाएगा, और यह जानकारी डिजिटल रूप में रिकॉर्ड की जाएगी, साथ ही घर के दरवाजे पर न्याय पत्र का स्टिकर लगाया जाएगा।
दूसरा चरणः सत्याग्रह
लक्ष्यः अधिक से अधिक युवाओं और उनके परिवारों तक पहुँचना, जानकारी इकट्ठा करना और चल रहे अभियान से अवगत कराते हुए उन्हें जोड़ना।
समय सीमाः 5 मार्च से 10 मार्च
सभी ब्लॉकों/शहरों में धरना आयोजित करना और Coordination Committee का गठन करना है। यह धरना
शहीद चौक या गांधी चौक पर आयोजित किया जाएगा (सामान्यतः हर शहर के पास अपना शहीद चौक या गांधी चौक होता है)।
तीसरा चरणः पदयात्रा
लक्ष्यः पैदल यात्रा (न्याय यात्रा) सभी जिलों में 50 किलोमीटर तक करने का लक्ष्य।
समय सीमाः 17 मार्च से 20 मार्च
प्रत्येक जिले में जवानों के लिए “न्याय यात्रा“ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 50 किलोमीटर की पदयात्रा की जाएगी। इस यात्रा को Coordinators Committee और न्याय योद्धाओं के नेतृत्व में किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, प्रदेश संयोजक जय जवान आंदोलन अभिषेक कसार, मीडिया संयोजक तुषार गुहा, जिला संयोजक राहुल तिवारी, जिला संयोजक राजिक खान उपस्थित थे।