R.O. No. : 13047/ 53 M2
विविध ख़बरें

300 मीट्रिक टन कच्चे इस्पात क्षमता का लक्ष्य, Domestic Steel Production बढ़ाने, Manufacturer पर सरकार का ये जवाब

  • घरेलू इस्पात निर्माताओं के लिए लोकसभा में सवाल पूछे गए।
  • इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेश की शुरूआत।
  • घरेलू बाजार में घटिया/दोषपूर्ण इस्पात उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। घरेलू इस्पात निर्माता (Domestic Steel Manufacturer) को लेकर मोदी सरकार का क्या स्टैंड है। किस तरह की समस्याएं सामने आ रही है और सरकार क्या कर रही है। इस पर लोकसभा में सवाल पूछे गए। इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी ने जवाब दिए।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL प्रबंधन के इस दांव में फंसी NJCS, आपस में ही झगड़ा, इंटक ने बायोमेट्रिक सिस्टम पर CITU को रगड़ा

मंत्री वर्ष 2018-19 से अप्रैल-अक्टूबर 2024-25 तक विभिन्न देशों से आयातित तैयार इस्पात की मात्रा की जानकारी साझा की। इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है। सरकार देश के सभी राज्यों में इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत माहौल बनाकर सुविधा प्रदाता (फसिलि‍टैटर) के रूप में कार्य करती है।

ये खबर भी पढ़ें: बीएसपी कोक ओवन: कर्मचारियों को मिला कर्म शिरोमणि अवॉर्ड

सरकार ने 300 मीट्रिक टन कच्चे इस्पात क्षमता का लक्ष्य हासिल करने और देश में घरेलू इस्पात उत्पादन बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए हैं:-

सरकारी खरीद के लिए ‘भारत में निर्मित’ इस्पात को बढ़ावा देने के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआईएंडएसपी) नीति का कार्यान्वयन।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL BSL: डायरेक्टर इंचार्ज बीके तिवारी ने दिलाई शपथ, 58 अधिकारियों को दिया मंत्र

देश में ‘स्पेशलिटी स्टील’ के विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश को आकर्षित करके आयात को कम करने के लिए स्पेशलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की शुरुआत की गई है।

ये खबर भी पढ़ें: Big Breaking News: सीबीआई ने बिछाया जाल, EPFO के क्षेत्रीय आयुक्त समेत 3 गिरफ्तार, 10 लाख की रिश्वत का मामला

स्पेशलिटी स्टील के लिए पीएलआई योजना के तहत अनुमानित अतिरिक्त निवेश 29,500 करोड़ रुपये है, जिसमें स्पेशलिटी स्टील के लिए लगभग 25 मिलियन टन (एमटी) की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण शामिल है।

ये खबर भी पढ़ें: NMDC ने जीता “पीआर को लागू करने वाले सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन” का पुरस्कार

केंद्रीय बजट वर्ष 2024-25 में, फेरो-निकेल और मोलिब्डेनम अयस्कों और सांद्रों पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है, जो इस्पात उद्योग के लिए कच्चा माल है।

कोल्ड-रोल्ड ग्रेन-ओरिएंटेड (सीआरजीओ) स्टील के निर्माण के लिए फेरस स्क्रैप और निर्दिष्ट कच्चे माल पर बीसीडी छूट 31.03.2026 तक जारी रखी गई है।

ये खबर भी पढ़ें: इस्पात मंत्री, SAIL प्रबंधन कर्मचारियों को कर रहा गुमराह, NJCS महज दिखावटी, चेयरमैन-डायरेक्टर पर केस क्यों नहीं

घरेलू इस्पात उद्योग की समस्‍याओं को दूर करने के लिए आयात की अधिक प्रभावी निगरानी के लिए इस्पात आयात निगरानी प्रणाली (एसआईएमएस) 2.0 का पुनर्गठन।

इस्पात निर्माण के लिए अधिक अनुकूल शर्तों पर कच्चे माल की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए अन्य देशों के अलावा मंत्रालयों और राज्यों के साथ समन्वय करना।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL क्रिकेट चैम्पियनशिप 2024-25: राउरकेला स्टील प्लांट ने VISL भद्रावती को और ISP बर्नपुर ने DSP को हराया

घरेलू स्तर पर उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति की अधिसूचना।

इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेश की शुरूआत, जिसके तहत घरेलू बाजार में घटिया/दोषपूर्ण इस्पात उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है, साथ ही आयात पर भी रोक लगाई गई है, ताकि उद्योग, उपयोगकर्ताओं और आम जनता को गुणवत्तापूर्ण इस्पात की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

ये खबर भी पढ़ें: Varanasi News: रिक्शा से चलने वाले 7 बार के पूर्व विधायक ‘दादा’ ने दुनिया को कहा अलविदा, पीएम मोदी डूबे शोक में

आदेश के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाता है कि हितधारक उपयोगकर्ताओं को केवल प्रासंगिक बीआईएस मानकों के अनुरूप गुणवत्ता वाले इस्पात ही उपलब्ध कराए जाएं। आज की तिथि तक, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत कार्बन स्टील, मिश्र धातु स्टील और स्टेनलेस स्टील को कवर करने वाले 151 भारतीय मानक अधिसूचित हैं।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL NJCS यूनियन में फूंट, सीटू अब अकेला, क्या फिर होगी हड़ताल

The post 300 मीट्रिक टन कच्चे इस्पात क्षमता का लक्ष्य, Domestic Steel Production बढ़ाने, Manufacturer पर सरकार का ये जवाब appeared first on Suchnaji.

Related Articles

Back to top button