मुरारी लाल साव जी हुये सेवानिवृत्त
दुर्ग, कुम्हारी। पूर्व माध्यमिक बालक शाला कुम्हारी के प्रभार प्रधान पाठक मुरारी लाल साव को सेवानिवृत्ति के अवसर पर एक सादे व गरिमामयी कार्यक्रम में भावभीनी बिदाई दी गई। वे कर्तव्यनिष्ठ व संवेदनशील शिक्षक के रूप में दी गई सेवाओं के लिए जाना जाता है।
उनकी साहित्य में भी दखल रही है। वे ख्यातिलब्ध संस्था ऋतंभरा साहित्यिक मंच के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। उन्हीं के संपादन में संस्था का पहला काव्य संग्रह “समवेत स्वर” के नाम से प्रकाशित हुई थी।
ऋतंभरा साहित्य समिति के सचिव सुरेश वाहने ने उनकी नई पारी के सुखद जीवन के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
सामाजिक सरोकार के लिए भी उन्हें जाना जाता है। वे परिक्षेत्रीय साहू संघ के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से बी.एल. साहू, श्रीमती एस. मलेवार, एस. के. शर्मा, ए. एम. खान, एस. के. तिवारी, श्रीमती के. मिश्रा, रोहित ध्रुव, कश्यप मैडम, रमा देवांगन, शैलजा श्रीवास्तव आदि स्टाफ के शिक्षक-शिक्षिका उपस्थित थे।