2 अगस्त से आरंभ होंगे स्कूल, सरकारी स्कूलों के साथ ही निजी स्कूलों में भी चलाई जाएगी सैनिटाइजेशन की मुहिम
नागरिक सुविधाओं को बढ़ावा देने के संबंध में नगरीय निकायों को कलेक्टर ने दिये निर्देश
दुर्ग। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मुकम्मल तैयारियों के साथ ही अभी उपलब्ध समय में निर्माण कार्यों एवं अन्य विभागीय गतिविधियों पर फोकस करें। बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए शासन ने एहतियात के साथ एवं प्रोटोकाल का पालन करते हुए 2 अगस्त से स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इसे देखते हुए अपनी तैयारियां पूरी कर लें। यह निर्देश कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि स्कूल खोलने के संबंध में पालक समितियों की स्वीकृति ले लें। 50 प्रतिशत का रोस्टर होना चाहिए। जो स्कूल नहीं आना चाहते, उन्हें बाध्य न करें। इसके साथ ही स्कूल खुलने से पूर्व सभी निजी एवं शासकीय स्कूलों का सैनिटाइजेशन करा लें। इसके साथ ही किसी भी तरह की टूट-फूट हो तो उसकी भी मरम्मत कर लें। बैठक में अपर कलेक्टर सुश्री नूपुर राशि पन्ना, रिसाली नगर निगम आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे, अपर कलेक्टर श्री बीबी पंचभाई सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
आक्सीजन पाइपलाइन, सर्जिकल यूनिट और एंबुलेंस जैसी सुविधाओं की समीक्षा- कलेक्टर ने तीसरी लहर को देखते हुए टास्क फोर्स की बैठक में दिये गये निर्देशों के पालन की समीक्षा भी की। उन्होंने सभी अस्पतालों में आक्सीजन पाइपलाइन अथवा सिलेंडर की स्थिति, जनरेटर, एंबुलेंस, सर्जिकल यूनिट की तैयारियों के बाबत पूछा। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करा लें।
शुद्ध पेयजल सबसे महत्वपूर्ण, ई-कोलाई की जाँच के लिए भेजें सैंपल- कलेक्टर ने कहा कि बरसात के मौके पर मौसमी बीमारियाँ फैलने की आशंका रहती है। इसके लिए जरूरी है कि सभी नगरीय निकाय एवं बड़े गाँवों से सैंपल पीएचई विभाग में जाँच के लिए नियमित रूप से भेजते रहें। उन्होंने कहा कि सैंपल की मात्रा अधिक होनी चाहिए। जिन नगरीय निकायों ने कम सैंपल भेजे हैं, वे सैंपल की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि पानी में ई-कोलाई जैसे बैक्टीरिया की पहचान के लिए नियमित रूप से सैंपल भेजना एवं पर्याप्त संख्या में भेजना बेहद जरूरी है। इस सबसे अहम नागरिक सुविधा पर काम की मानिटरिंग नियमित रूप से करें।
यूरिया की रैक आई, दूर होगी दिक्कत- कलेक्टर ने खरीफ फसल के संबंध में भी जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि यूरिया की एक रैक आ गई है, इससे यूरिया की दिक्कत दूर होगी। कलेक्टर ने जलभराव के संबंध में भी जलसंसाधन विभाग के अधिकारी से जानकारी ली। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को खाद-बीज की स्थिति की लगातार मानिटरिंग करने के निर्देश दिये।
कोविड के दौरान वसूली गई अतिरिक्त फीस वापस कराएं- कलेक्टर ने कहा कि कोविड के दौरान जिन अस्पतालों द्वारा मरीजों से अतिरिक्त राशि वसूलने की शिकायत सही पाई गई है। ऐसे मामलों में अस्पतालों से अतिरिक्त वसूली गई फीस वापस कराएं और इसकी लगातार मानिटरिंग करते रहें।
खटाल की गंदगी पर हो सख्ती, सड़क पर आवारा मवेशियों पर करें नियंत्रण- कलेक्टर ने कहा कि नागरिक सुविधाओं पर निरंतर नजर बनाये रखना एवं इन्हें प्राथमिकता से पूरा करना निगम प्रशासन का पहला दायित्व है। सड़क पर आवारा मवेशियों को नियंत्रित करें। खटाल से होने वाली गंदगी को दूर करने की दिशा में कार्य करें। शहरी क्षेत्रों में भी गौठानों के लिए चारागाहों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजमार्गों के साथ ही अंदरूनी सड़कों को दुरुस्त करना प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसे ठीक करने की दिशा में युद्धस्तर पर कार्य करें।
पद्म पुरस्कार श्रृंखला के लिए आवेदन आमंत्रित
दुर्ग। भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार श्रृंखला के तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्म श्री पुरस्कारों के लिए समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले जिले के नागरिकों द्वारा समाज कल्याण विभाग में 30 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। विस्तृत जानकारी व आवेदन प्रारूप प्राप्त करने हेतु समाज कल्याण विभाग जिला दुर्ग में संपर्क किया जा सकता है।
आंगनबाड़ी सहायिका के लिए आवेदन आमंत्रित
दुर्ग। एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण में आंगनबाड़ी केंद्र ग्राम पंचायत बोरई के केंद्र क्रमांक-1 में सहायिका पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन पत्र समस्त प्रमाण पत्र सहित एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण में 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जमा किया जा सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित ग्राम पंचायत एवं परियोजना कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों की घटनाएं समाज को शर्मसार करती हैं
दुर्ग। श्री राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में श्री शैलेश तिवारी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं डॉ. प्रज्ञा पचैरी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा ऑनलाइन वीसी के माध्यम से पॉक्सो कानून के तहत जानकारी प्रदान की उन्होंने बताया कि कहा जाता है, बच्चे भगवान का रूप होते हैं तो फिर हम यह क्यों भूल जाते हैं कि बच्चों के साथ किसी तरह का गलत व्यवहार उनके जीवन को अंधेरे में धकेल सकता है। बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर पर कई तरह की दिक्कतों से होकर गुजरना पड़ सकता है। अपराधी नियम कानून को ताक पर रखकर मासूमों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं। बच्चों के साथ छेड़छाड़ रेप यौन उत्पीड़न यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे जघन्य अपराधों पर रोक लगाने के लिये राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग पॉक्सोे ई बॉक्स प्रारंभ किया गया है। यदि आपके बच्चों को कोई गलत तरीके से छूता है, गलत हरकतें या गन्दी बातें करता है और उन्हें गन्दी तस्वीरें दिखाता है तो बच्चे बिना किसी को बताये स्वयं ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिला सकते हैं। माता-पिता भी अपने बच्चों को पॉक्सो ई बॉक्स के बारे में बताएं और उन्हें जागरूक बनाएं। यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम बच्चों की मदद करें, शोषण का शिकार होने से अपने बच्चों को बचाएं और दोषियों को पॉक्सोे एक्ट के तहत सजा दिलाएं।
न्यायाधीशगणों ने बताया कि बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों की घटनाएं समाज को शर्मसार करती हैं। इस तरह के मामलों की बढ़ती संख्या देखकर वर्ष 2012 में एक विशेष कानून बनाया था। पॉक्सो कानून यानी की प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 जिसको हिंदी में लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012 कहा जाता है। इस कानून के लगने पर तुरंत गिरफ्तारी एवं कठोर सजा का प्रावधान है। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। 18 साल से कम किसी भी मासूम के साथ अगर दुराचार होता है तो वह पॉक्सो एक्ट के तहत आता है। 12 साल तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। पॉक्सो के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस की यह जवाबदेही हैं कि पीड़ित का मामला 24 घंटो के अन्दर बाल कल्याण समिति के सामने लाया जाए जिससे पीड़ित की सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाये जा सके। इसके साथ ही बच्चे की मेडिकल जाँच करवाना भी अनिवार्य हैं। ये मेडिकल परीक्षण बच्चे के माता-पिता या किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति में किया जायेगा जिस पर बच्चे का विश्वास हो और पीड़ित अगर लड़की है तो उसकी मेडिकल जांच महिला चिकित्सक द्वारा ही की जानी चाहिए।
करियर के लिहाज से भी नर्सिंग बढ़िया प्रोफेशन – डॉ. रश्मि भुरे
अपोलो काॅलेज में इंडक्शन आयोजन का आयोजन सम्पन्न
दुर्ग। अपोलो काॅलेज ऑफ नर्सिंग में इंडक्शन कार्यक्रम का आयोजन काॅलेज परिसर में किया गया, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डाॅ. रश्मि भुरे थीं। मुख्य अतिथि डाॅ. रश्मि भुरे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी.एस.सी. नर्सिंग प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए सीख दी कि आज के समय में चुनौतियों की सामना पूरी दृढ़ता से करना होगा एवं नर्सिंग प्रोफेशन का महत्व समझाते हुए, विद्यार्थियों का आत्मबल बढ़ाया व मार्गदर्शन दिया।
अपोलो काॅलेज के संचालक श्री संजय अग्रवाल, डाॅ. मनीष जैन व श्री आशीष अग्रवाल, प्राचार्य श्री पी. इमैन्युवल, उप प्राचार्या श्रीमती प्रभा पाण्डेय, वरिष्ठ शिक्षकगण श्रीमती जिया सजीव, श्रीमती पूर्णिमा दास, श्री जाॅन सुसीकरण व अन्य शिक्षकों ने भी अपनी उपस्थिति देते हुए विद्यार्थियों का प्रोत्साहन बढ़ाया।
कार्यक्रम के दौरान श्रीमती पूर्णिमा दास (वरिष्ठ शिक्षिका) ने छात्राओं को काॅलेज में चलने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों व सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के अंत में श्री प्रतीक योनाथन (वरिष्ठ शिक्षक) नें मुख्य अतिथि डाॅ. रश्मि भुरे को धन्यवाद ज्ञापन दिये उल्लेखनीय है कि सत्र 2008 से अपोलो काॅलेज ऑफ नर्सिग की स्थापना की गई। छात्र एवं छात्राओं को क्लिनिकल प्रशिक्षण हेतु जे.एल.एन.आर.सी., सेक्टर-09 द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। हमारे महाविद्यालय के परीक्षा परिणाम प्रत्येक वर्ष शत प्रतिशत रहता है। महाविद्यालय में अध्ययनरत् विद्यार्थियों को मेंटल हेल्थ ट्रेनिंग के लिए सीआईपी राँची भेजा जाता है। विद्यार्थी यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर विशेष उपलब्धि अर्जित कर महाविद्यालय को गौरवन्वित करते आ रहे है थीं । मुख्य अतिथि डाॅ. रश्मि भुरे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी.एस.सी. नर्सिंग प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए सीख दी कि आज के समय में चुनौतियों की सामना पूरी दृढ़ता से करना होगा एवं नर्सिंग प्रोफेशन का महत्व समझाते हुए, विद्यार्थियों का आत्मबल बढ़ाया व मार्गदर्शन दिया।
अपोलो काॅलेज के संचालक श्री संजय अग्रवाल, डाॅ. मनीष जैन व श्री आशीष अग्रवाल, प्राचार्य श्री पी.इमैन्युवल, उप प्राचार्या श्रीमती प्रभा पाण्डेय, वरिष्ठ शिक्षकगण श्रीमती जिया सजीव, श्रीमती पूर्णिमा दास, श्री जाॅन सुसीकरण व अन्य शिक्षकों ने भी अपनी उपस्थिति देते हुए विद्यार्थियों का प्रोत्साहन बढ़ाया।
कार्यक्रम के दौरान श्रीमती पूर्णिमा दास (वरिष्ठ शिक्षिका) ने छात्राओं को काॅलेज में चलने वाले विभिन्न पाठ्यक्रमों व सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के अंत में श्री प्रतीक योनाथन (वरिष्ठ शिक्षक) नें मुख्य अतिथि डाॅ. रश्मि भुरे को धन्यवाद ज्ञापन दिये उल्लेखनीय है कि सत्र 2008 से अपोलो काॅलेज ऑफ नर्सिग की स्थापना की गई। छात्र एवं छात्राओं को क्लिनिकल प्रशिक्षण हेतु जे.एल.एन.आर.सी., सेक्टर-09 द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है। हमारे महाविद्यालय के परीक्षा परिणाम प्रत्येक वर्ष शत प्रतिशत रहता है। महाविद्यालय में अध्ययनरत् विद्यार्थियों को मेंटल हेल्थ ट्रेनिंग के लिए सीआईपी राँची भेजा जाता है। विद्यार्थी यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर विशेष उपलब्धि अर्जित कर महाविद्यालय को गौरवन्वित करते आ रहे है।